MBBS : NEET छात्रों के लिए खुशखबरी, यूपी में एमबीबीएस की 700 सीटें और बढ़ेंगी
उत्तर प्रदेश के छह नये मेडिकल कॉलेजों ने भी मान्यता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष अपील दायर कर दी है। 13 में से सात नये मेडिकल कॉलेजों की मान्यता को एनएमसी पहले ही मंजूरी दे चुका है।
उत्तर प्रदेश के छह नये मेडिकल कॉलेजों ने भी मान्यता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष अपील दायर कर दी है। ऐसे में इन कॉलेजों को भी मान्यता मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 13 में से सात नये मेडिकल कॉलेजों की मान्यता को एनएमसी पहले ही हरी झंडी दे चुका है। इसके अलावा कानपुर देहात व ललितपुर के मेडिकल कॉलेजों की सीटें भी 50 से 100 किए जाने के लिए अपील की गई है। यदि नये कॉलेजों को मान्यता और दो कॉलेजों में सीटें बढ़ जाती हैं तो प्रदेश में एमबीबीएस की 700 सीटें और बढ़ जाएंगी।
प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज की मुहिम चल रही है। प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में इस समय कुल 10500 एमबीबीएस की सीटें हैं। यदि 700 सीटें और बढ़ीं तो यह संख्या 11200 हो जाएगी। डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि प्रदेश के 6 जिले चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, औरैया और कौशांबी के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति और कानपुर देहात, ललितपुर की 50-50 सीटों के स्थान पर 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति के लिए केंद्रीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष अपील की गई है।
MBBS और MD-MS कर रहे मेडिकल छात्रों को यूपी सरकार ने दी बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से यूजी, पीजी या सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में पढ़ाई के बीच में ही सीट छोड़ने वालों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। अब उन्हें इसके लिए अर्थ दंड नहीं देना होगा, जो सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी के लिए 5 लाख रुपये तक था जबकि निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा संबंधित छात्र से पूरी फीस वसूली जाती थी। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह के इस प्रस्ताव पर शासन ने स्वीकृति दे दी है। मेडिकल छात्रों के हित में सरकार ने बड़ा फैसला किया है। दरअसल एमबीबीएस या बीडीएस करने वाला कोई छात्र यदि बीच में सीट छोड़ता है तो अभी तक उसे एक लाख रुपये अर्थदंड देना होता था। जबकि एमडी या एमएस करने वालों को सीट छोड़ने पर 5 लाख रुपये और सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम डीएम या एमसीएच के छात्रों को बीच में सीट छोड़ने पर एक लाख रुपये अर्थदंड देने की व्यवस्था तय थी।