Manu Bhaker :ओलंपिक विजेता मनु भाकर को 10वीं और 12वीं में कितने मार्क्स मिले थे?
Olympic medalist 2024 Manu Bhaker : ओलंपिक इतिहास की सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी निशानेबाजी के साथ पढ़ाई-लिखाई में भी काफी तेज हैं। उनकी ओंलपिक जर्नी हर भारतीय को काफी इंस्पायर करती है।
Olympic medalist 2024 Manu Bhaker : ओलंपिक के इतिहास में सबसे कामयाब भारतीय खिलाड़ी में मनु भाकर ने अपना नाम दर्ज करा लिया है। भारत के इतिहास में मनु के अलावा कोई भी भारतीय एक ही ओलंपिक में इंडिविजुअल गेम्स में मेडल जीत नहीं सका है। 18 जुलाई 2024 को मनु ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद 30 जुलाई को सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। हालांकि, मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में तीसरा मेडल हासिल करने में चूक गई है। शनिवार को वह महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल फाइनल में 28 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहीं। इस तरह से मनु भाकर ने दो मेडल के साथ अपना ओलंपिक मिशन खत्म किया।
मनु भाकर की अनसुनी कहानी: ओलंपिक में एयर पिस्टल गेम में दो कांस्य पदक हासिल करने वाली मनु भले ही हाल ही के इवेंट में पदक हासिल करने से चूक की गई हों, लेकिन उनकी ओलंपिक जर्नी हर किसी को इंस्पायर करती है। पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी से सूर्खियां बटोरने वाली मनु भाकर भारतीय शूटिंग की सफलता का चेहरा माना जा रहा है। वह पिस्तौल चलाने के साथ काफी टैलेंटेड भी हैं। प्रसार भर्ती के स्पोर्ट्स पॉडकास्ट में मनु ने एक इंटरव्यू में अपने एजुकेशनल बैकग्राउंड के बारे में बताया था। शूटिंग में दिलचस्पी रखने के साथ वह पढ़ाई में भी काफी मेहनती हैं। 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में बेहतरीन अंक हासिल किए हैं। बता दें कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा में मनु ने मुख्य विषयों में 100 में से 95, 100 में से 93 और 100 में 92 अंक हासिल किए हैं। हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव की मनु की सक्सेस जर्नी काफी इंस्पिरेशनल है। 22 वर्षीय मनु ने डीयू के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन(एलएसआर) से पॉलिटिकल साइंस में 2024 में ऑनर्स की डिग्री से ग्रेजुएशन किया है। फिलहाल, वह पंजाब यूनिवर्सिटी में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त कर रही है। ओलंपिक में उनकी अचीवमेंट ने अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भारतीय निशानेबाजों के लिए एक नया मापदंड स्थापित किया है।
मनु का पेरिस ओलंपिक तक पहुंचने का सफल काफी आसान नहीं रहा है। टोक्यो ओलंपिक में तकनीकी गड़बड़ी के कारण मनु 22 मिनट तक शूटिंग नहीं कर पाई। जिससे टोक्यो ओलंपिक में पदक चूकने के कारण वह लंबे समय तक डिप्रेशन के दौर से गुजरीं। उन्होंने शूटिंग छोड़ने का भी फैसला ले लिया था, लेकिन फिर मनु को गीता पढ़ने से काफी उम्मीद मिलीं। उन्होंने योग से तनाव दूर किया।
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