लखनऊ विश्वविद्यालय ने पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया रोकी, यूजी और पीजी एडमिशन भी कटघरे में
लखनऊ विश्वविद्यालय ने पीएचडी प्रवेश 2019-20 की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। गरीब सवर्ण अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण न दिए जाने को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद यह कार्रवाई की गई है। आपके अपने अखबार...
लखनऊ विश्वविद्यालय ने पीएचडी प्रवेश 2019-20 की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। गरीब सवर्ण अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण न दिए जाने को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद यह कार्रवाई की गई है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में पीएचडी में ईडब्ल्यूएस का लाभ न दिए जाने के इस प्रकरण का खुलासा किया गया था। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि प्रक्रिया को रोक दिया गया है। अगले सप्ताह प्रवेश समिति की बैठक का आयोजन किया जाएगा। उसके बाद शासनादेशों के हिसाब से प्रवेश के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ विश्ववविद्यालय में सत्र 2019-20 के लिए पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। बीते दिसम्बर 2019 में आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। आवेदन के समय अभ्यर्थियों से ईडब्ल्यूएस के विकल्प भी भरवाए। बीते अगस्त सितम्बर में प्रवेश परीक्षा कराई गई। लेकिन विवि प्रशासन की ओर से ईडब्ल्यूएस के तहत 10 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से ऑर्डिनेंस का हवाला देकर बचने की कोशिश भी की गई। दावा किया गया कि दाखिले 2018 के ऑर्डिनेंस के हिसाब से लिए गए हैं। उस समय ईडब्ल्यूएस की कोई व्यवस्था ही नहीं थी। अभ्यर्थी लगातार विश्वविद्यालय को घेर रहे हैं।
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कुलसचिव ने बताया कि शासनादेशों के हिसाब से ही प्रवेश लिए जाएंगे। इसलिए प्रकरण संज्ञान में आने के साथ ही प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है।
लविवि प्रशासन इन सवालों में उलझा
दिसम्बर 2019 में पीएचडी प्रवेश के लिए आवेदन लिए गए। अगस्त-सितम्बर 2020 में प्रवेश परीक्षा कराई। जबकि ईडब्ल्यूएस के तहत 10% आरक्षण की व्यवस्था जनवरी 2019 में यानी प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से करीब 11 महीने पहले ही लागू हो गई थी। तब इसका लाभ क्यों नहीं दिया गया ?
अभ्यर्थियों को जब ईडब्ल्यूएस का लाभ देना नहीं था तो आवेदन के समय विकल्प क्यों भरवाया गया ?
यूजी और पीजी के प्रवेश भी कटघरे में
लखनऊ विश्वविद्यालय में सिर्फ पीएचडी ही नहीं बल्कि स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के प्रवेश में भी सवाल उठ रहे हैं। स्नातक पाठ्यक्रमों में अभ्यर्थियों को बांटे गए स्पोर्ट्स वेटेज को लेकर विवाद उठा है। प्रवेश समिति का कहना है कि उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय एथेलेटिक एसोसिएशन से सत्यापन के बाद ही स्पोर्ट्स का वेटेज दिया है। जबकि एथेलेटिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. नीरज जैन ने स्पष्ट लिखा है कि उन्हें इसके बारे में जानकारी तक नहीं दी गई है।
बिना नतीजों के दस्तावेज अपलोड
पीजी प्रवेश परीक्षा के नतीजे अभी तक जारी नहीं किए गए हैं। जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय ने अभ्यर्थियों से दस्तावेज अपलोड कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला होगा भी या नहीं। वहीं, दूसरे संस्थानों में भी प्रवेश फंसे हुए हैं।