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लखनऊ विश्वविद्यालय : एक कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे की पढ़ाई कर सकेंगे छात्र

लखनऊ विश्वविद्यालय में नए सत्र से पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति के तहत अहम बदलाव हो जाने जा रहे हैं। आने वाले शैक्षिक सत्र 2021-2022 में चार वर्षीय पाठ्यक्रम के अन्तर्गत छात्र कभी एक कोर्स की पढ़ाई को...

लखनऊ विश्वविद्यालय : एक कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे की पढ़ाई कर सकेंगे छात्र
कार्यालय संवाददाता,लखनऊThu, 24 Jun 2021 04:10 PM
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लखनऊ विश्वविद्यालय में नए सत्र से पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति के तहत अहम बदलाव हो जाने जा रहे हैं। आने वाले शैक्षिक सत्र 2021-2022 में चार वर्षीय पाठ्यक्रम के अन्तर्गत छात्र कभी एक कोर्स की पढ़ाई को छोड़ दूसरे कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे। 
     
स्नातक का छात्र यदि एक साल पढ़ाई करने के बाद पढ़ाई छोड़ता है तो उसे एक वर्षीय डिप्लोमा का सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा और वह किसी अन्य कोर्स में प्रवेश ले सकेगा।
लखनऊ विश्वविद्यालय अगले अकादमिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत अपने स्नातक स्तर पर 4 वर्षीय पाठ्यक्रम लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका है। 
   
पिछले 1 हफ्ते से इस दिशा में चल रही कार्यवाही के चलते 4 वर्षीय स्नातक स्तर पर यूनिफॉर्म क्रेडिट्स पर आधारित एक पाठ्यक्रम सभी विभागों में तैयार हो चुका है। पाठ्यक्रम में कुल 192 क्रेडिट छात्र प्राप्त करेंगे और हर वर्ष के अंत में उन्हें पाठ्यक्रम छोड़कर जाने की अनुमति होगी।


सभी पेपरों में 4 क्रेडिट दिए जाएंगे
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्देशों के तहत विषयों में अंत: विभागीय और अंतर विभागीय विकल्प छात्रों को दिए जाएंगे। साथ ही को करिकुलर कोर्स एवं वोकेशनल कोर्स भी उपलब्ध होंगे। 4 वर्षों में छात्र मेजर वन मेजर दो माइनर और को करिकुलर कोर्स और वोकेशनल कोर्स पढ़ेंगे। जानकारी के अनुसार मेजर वन में कुल 20 पेपर की पढ़ाई करेंगे और सभी पेपरों में 4 क्रेडिट दिए जाएंगे।

तीसरे साल के बाद स्नातक की डिग्री मिलेगी
सेमेस्टर 3 और 4 में भी मेजर वन के दो दो पेपर, मेजर टू के दो दो पेपर, 1 माइनर का पेपर और एक को करिकुलर कोर्स और एक वोकेशनल कोर्स के साथ दूसरे वर्ष की पढ़ाई समाप्त कर छात्र डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त कर सकता है। तीसरे साल में छात्र को पांचवें सेमेस्टर में तीन पेपर करने होंगे दो पेपर मेजर टू के और एक इंटर्नशिप या टर्म पेपर और एक माइनर प्रोजेक्ट सबमिट करना होगा। तीसरे साल के बाद छात्र स्नातक की डिग्री लेने में समर्थ होगा।

चौथे साल में मिलेगी बैचलर डिग्री विद रिसर्च
नए पाठ्यक्रम के अन्तर्गत चौथे साल में सातवें सेमेस्टर में शोध के सिद्धांतों से परिचित कराया जाएगा। रिसर्च मेथाडोलॉजी के पेपर में। रिसर्च मेथाडोलॉजी के अलावा छात्र पांच पेपर और पढ़ेंगे। आठवें सेमेस्टर में छात्र एक मेजर प्रोजेक्ट करेंगे जो पूर्ण रूप से 24 क्रेडिट का होगा इन दोनों सेमेस्टर को पूरा करने के बाद छात्र को चौथे साल की शिक्षा संपन्न कर बैचलर विद रिसर्च की डिग्री मिलेगी।

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