KVS : केवीएस में दाखिले की उम्र से जुड़े मसले पर हो रहा है विचार
kvs admission उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा दाखिले की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर छह साल किए जाने पर सवाल खड़ा उठाया है। न्यायालय ने केवीएस से कहा है कि आपने खुद अपने हलफ
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उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा दाखिले की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर छह साल किए जाने पर सवाल खड़ा उठाया है। न्यायालय ने केवीएस से कहा है कि आपने खुद अपने हलफनामे में माना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से मिले निर्देश पर दाखिल की उम्र सीमा बढ़ाई है।
जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा है कि ‘केंद्र के जिस पत्र का हवाला देकर दाखिले की उम्र 5 साल से बढ़ाकर छह साल किया है, उसमें स्पष्ट तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए अगले दो से तीन साल में रोड मैप तैयार करने को कहा गया है, ऐसे में आपका रोड मैप कहां है। उन्होंने कहा कि यदि आपने इस बारे में कोई रोड मैप तैयार किया है तो वह कहां है।’ केवीएस ने दाखिले की उम्रसीमा बढ़ाने को सही ठहराते हुए अपने हलफनामे में कहा था कि पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए मिले निर्देश के तहत ऐसा किया है।
मामले की सुनवाई के दौरान केवीएस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने न्यायालय को बताया कि मामले पर विचार किया जा रहा है और इस बारे में शुक्रवार को समुचित जवाब दिया जाएगा। इसके बाद उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने सोमवार को केवीएस से यह बताने के लिए कहा था कि इस साल पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र पहले की तरह पांच साल की जा सकती है या नहीं। न्यायालय ने केवीएस के वकील से इस बारे में दिशा निर्देश लेने और अवगत कराने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र पांच वर्ष से बढ़ाकर छह साल किए जाने के केवीएस के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था। इससे पहले याचिकाकर्ता बच्ची की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि वह न तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को चुनौती दे रहे हैं और न ही केवीएस के अधिकार को। अग्रवाल ने कहा था कि वह सिर्फ आनन फानन में दाखिले की न्यूनतम उम्र में बढ़ोतरी किए जाने और इसके लिए अपनाए तरीके के खिलाफ हैं। इसके बाद जस्टिस पल्ली ने केवीएस के वकील से ‘यह बताने के लिए कहा था कि इस साल पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र पहले की तरह पांच साल की जा सकती है या नहीं। उन्होंने कहा था कि यदि केवीएस किसी तरह का इस बारे में निर्णय नहीं लेता है तो वह अगली सुनवाई पर समुचित आदेश पारित करेंगे।
केवीएस ने पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामा में दाखिले की न्यूनतम उम्र छह साल किए जाने को सही ठहराया था। केवीएस ने न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र छह साल करने का फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के प्रावधानों के अनुरूप किया गया है।