झारखंड एकेडमिक काउंसिल: मैट्रिक में अतिरिक्त विषय के नहीं जुड़ पाएंगे अंक
मैट्रिक में अतिरिक्त (एडिशनल) विषयों के अंक इस बार से नहीं जुट पाएगा। छठे विषय के रूप में परीक्षा देने पर उस विषय का अंक मुख्य पांच विषयों के अंक के साथ नहीं जुट सकेगा। झारखंड एकेडमिक काउंसिल इसके...
मैट्रिक में अतिरिक्त (एडिशनल) विषयों के अंक इस बार से नहीं जुट पाएगा। छठे विषय के रूप में परीक्षा देने पर उस विषय का अंक मुख्य पांच विषयों के अंक के साथ नहीं जुट सकेगा। झारखंड एकेडमिक काउंसिल इसके प्रारूप तैयार करने में जुट गया है।
इस बदलाव के बाद 'बेस्ट फाइव' का सिद्धांत समाप्त हो जाएगा। काउंसिल सचिव महीप सिंह ने बताया कि अभी इसकी प्रारूप तैयार किया जा रहा है। बदलाव की मुख्य वजह बच्चों में अतिरिक्त विषयों के बोझ को कम किया जाना है। जिससे छात्र मुख्य पांच विषयों पर ज्यादा ध्यान दे सकें और अधिक से अधिक अंक अर्जित कर सकें। सिंह ने बताया कि अभी इस पर काम चल रहा है, सारे पहलुओं को देखा जा रहा है, ताकि किसी बच्चे को परेशानी ना हो सके। विभाग के सुझावों के साथ ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि बोर्ड परीक्षा में सिर्फ मुख्य पांच विषयों के ही अंक जोड़ा जाएगा। कुल अंक में कोई अतिरिक्त विषयों को शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने जैक के स्थापना दिवस पर ही जैक को इस पर काम करने को कहा था। उन्होंने बताया कि शिक्षकों को भी चाहिए कि वे बच्चों को मुख्य विषयों के लिए तैयार करें, उन्हें उन विषयों ज्यादा से मेहनत करवाएं, जिससे उन्हें बोर्ड परीक्षा में बेहतर अंक मिल सके।
अभी बेस्ट फाइव के आधार पर जुड़ता है अंक :
अभी बोर्ड परीक्षा में अतिरिक्त विषय में जिस परीक्षार्थी को अधिक अंक आता है उस विषय का अंक अन्य चार मुख्य विषयों के साथ जोड़ा जाता है। जिस विषय में सबसे कम अंक होते हैं उसे कुल अंको के साथ नहीं जोड़ा जाता है। मालूम हो कि इस वर्ष 4.41 लाख बच्चों ने मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हुए थे।