जेईई एडवांस्ड : IIT में BTech की कई सीटें रह गईं खाली, 5 सालों में हुआ पहली बार
JEE Advanced , IIT Admission : इस साल छह राउंड की जोसा काउंसलिंग के बाद भी देश के दिग्गज तकनीकी संस्थानों आईआईटी में बीटेक की 23 सीटें खाली रह गईं। आईआईटी में एडमिशन के लिए कुल 17,385 सीटें उपलब्ध थीं
इस साल छह राउंड की जोसा काउंसलिंग के बाद भी देश के दिग्गज तकनीकी संस्थानों आईआईटी में बीटेक की 23 सीटें खाली रह गईं। संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (जोसा) काउंसलिंग प्रक्रिया के छह राउंड संपन्न होने के बाद 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में 17,340 उम्मीदवारों को सीटें आवंटित की गई हैं, जिनमें 3,422 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। आईआईटी में एडमिशन के लिए कुल 17,385 सीटें उपलब्ध थीं। इनमें से 45 सीटें खाली रह गईं है जो कि 5 वर्षों में पहली बार हुआ है।
पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों के अनुसार जोसा काउंसलिंग के आखिर में अलॉट की गई सीटों की संख्या हमेशा काउंसलिंग प्रक्रिया की शुरुआत में उपलब्ध सीटों की संख्या से अधिक रही है। पिछले साल 16,598 सीटें उपलब्ध थीं लेकिन 16,635 सीटें अलॉट की गई थीं। 2021 में एडमिशन प्रक्रिया की शुरुआत में 16,232 सीटें उपलब्ध थीं जबकि छठे राउंड के एडमिशन के बाद कुल 16,296 सीटें अलॉट की गई थीं। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक इस बारे में जेईई एडवांस 2023 के आयोजन से जुड़े प्रोफेसर बिष्णुपद मंडल ने कहा, “अलॉट की गई सीटों की तादाद आमतौर पर ऑरिजनली उपलब्ध सीटों की संख्या से अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ सीटों के लिए टाई की स्थिति में, एडमिशन राउंड के दौरान अतिरिक्त सीटें बनाई जाती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई वैकेंसी नहीं है।"
आईआईटी की कुछ कोर्स ब्रांच काफी पॉपुलर होती हैं। इनमें अधिक संख्या में उम्मीदवार आवेदन करते हैं। इनमें दाखिले में टाई होने की स्थिति में अतिरिक्त सीटें बनाई जाती हैं। इसके कारण कुछ आईआईटी में अलॉट सीटों को मूल रूप से उपलब्ध सीटों से अधिक दिखाया जाता है। वहीं कुछ आईआईटी में विशेष ब्रांचों में वैकेंसी देखी जा सकती है।
आईआईटी दिल्ली के एक प्रोफेसर ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि “आईआईटी की विशेष शाखाओं में ऐसी रिक्तियां कभी भी स्पष्ट नहीं होती हैं, क्योंकि कुल आवंटन आम तौर पर उपलब्ध सीटों से अधिक होता है। लेकिन इस वर्ष उपलब्ध और आवंटित सीटों में स्पष्ट अंतर यह दर्शाता है कि क्या छात्रों को महामारी के बाद गैर-आईआईटी विकल्प अधिक आकर्षक लग रहे हैं।” आईआईटी बॉम्बे के एक अन्य प्रोफेसर ने कहा कि, “छात्र भी जोसा से बाहर निकलने का विकल्प चुनते हैं यदि उन्हें पता चलता है कि उन्हें अपने पसंदीदा कोर्स या आईआईटी में एडमिशन मिलने की संभावना नहीं है। यही वजह है कि वे गैर-आईआईटी संस्थानों का रुख करते हैं।''
आईआईटी बांबे बना पहली पसंद
जेईई एडवांस्ड के टॉप 100 रैंक में स्थान पाने वाले मेधावियों ने सबसे अधिक आईआईटी बॉम्बे को चुना। आईआईटी दिल्ली उनकी दूसरी पसंद बना। शीर्ष 50 में स्थान पाने वाले 46 मेधावियों ने आईआईटी बॉम्बे में दाखिला लिया। वहीं, शीर्ष 100 में 67 मेधावियों को यह पसंद आया। दूसरे स्थान पर आईआईटी दिल्ली में 22 तो तीसरी पसंद बने आईआईटी मद्रास में आठ मेधावियों ने दाखिला लिया है। रिपोर्ट में मेधावियों की पसंद का विश्लेषण किया गया जिसमें शीर्ष 1000 रैंक वालों को शामिल किया गया।
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