यूपीएससी में दूसरी रैंक पाने वाले दिल्ली के जतिन किशोर ने कहा, अगर सफलता न भी मिले तो आगे बढ़ने के रास्ते बंद नहीं होते
दिल्ली के जतिन किशोर ने दूसरे प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की है। जतिन ने कहा कि नाकामी के बावजूद प्रयास करते रहने से वह कामयाबी पाने में सफल रहे। जतिन डीयू के...
दिल्ली के जतिन किशोर ने दूसरे प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की है। जतिन ने कहा कि नाकामी के बावजूद प्रयास करते रहने से वह कामयाबी पाने में सफल रहे।
जतिन डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक और दिल्ली स्कूल ऑफ अर्थशास्त्र से परास्नातक हैं।
जतिन ने वर्ष 2018 में पहला प्रयास किया था, लेकिन असफल हो गए। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दूसरे वर्ष इंडियन इकोनॉमिक सर्विस में चयनित हुए और ग्रामीण विकास मंत्रालय में अपनी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं सोचना चाहिए कि चयन नहीं हुआ तो जीवन के सारे विकल्प बंद हो गए। उन्होंने खुद नौकरी में रहते हुए जब मिला तब सिविल सेवा की तैयारी की।
उन्होंने कहा कि जो लोग इस सेवा में आना चाहते हैं, उनको कड़ी मेहनत के साथ योजनाबद्ध ढंग से पढ़ाई करनी होगी।
कुछ बुनियादी किताबें हैं, जो सभी पढ़ते हैं और उन पर फोकस रखना जरूरी है। जतिन ने कहा, ‘मैं यह कहना चाहता हूं कि यह बड़ी और खर्चीली परीक्षा है, इसलिए यदि किसी को सफलता नहीं मिलती तो उसे निराश नहीं होना चाहिए। खराब सबको लगता है। मुझे भी लगा था, जब मेरा चयन नहीं हुआ था। मगर प्रयास नहीं छोड़ना चाहिए। परिवार और दोस्तों से सहयोग लेना चाहिए।’
जतिन के पिता ललित किशोर आयकर विभाग में हैं और मां शिक्षिका हैं। 26 वर्षीय जतिन बताते हैं कि उन्हें साइंस फिक्शन देखना और किताबें पढ़ना पसंद है। वह सफलता का श्रेय परिवार, गुरु और दोस्त सबको देते हैं। खासकर परिवार में जतिन मां को अपनी सफलता का श्रेय देते हैं।