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12 साल पहले चालाकी से UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर बना IRS, अब खुला डॉक्यूमेंट्स का राज, केस दर्ज

सीबीआई ने भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के एक अधिकारी के खिलाफ वर्ष 2007 में यूपीएससी की परीक्षा में बैठने के लिये खुद से पांच साल जूनियर व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज किया...

12 साल पहले चालाकी से UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर बना IRS, अब खुला डॉक्यूमेंट्स का राज, केस दर्ज
Pankajलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 12 Oct 2019 07:13 PM
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सीबीआई ने भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के एक अधिकारी के खिलाफ वर्ष 2007 में यूपीएससी की परीक्षा में बैठने के लिये खुद से पांच साल जूनियर व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने 2007 बैच के सीमाशुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क के आईआरएस अधिकारी के खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा ( UPSC Civil Services Exam ) पास करने के लिये फर्जी जन्मतिथि एवं शैक्षणिक प्रमाणपत्र जमा करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि कुमार का नाम राजेश कुमार शर्मा है, लेकिन 2007 में अधिक उम्र होने के कारण वह परीक्षा में शामिल होने का पात्र नहीं था इसलिए उसने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिये नवनीत कुमार नाम का इस्तेमाल किया।

न्यूज एजेंसी भाषा की खबर के मुताबिक जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि 15 जून, 1980 को जन्मे नवनीत ने 1996 में हाई स्कूल उत्तीर्ण किया। 2003 में उसने इंटरमीडिएट और 2008 में स्नातक (ग्रेजुएशन) किया। 

हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, सीबीआई द्वारा इस सप्ताह दर्ज की गई एफआईआर में जांच एजेंसी ने कहा है कि बिहार के पश्चिमी चंपारण में इस आईआरएस ऑफिसर को अपने बचपन के दिनों में किसी और नाम से जाना जाता था। 

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि शर्मा ने 1991 में 10वीं जबकि 1993 में बेतिया से सीबीएसई बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया, ''जब राजेश शर्मा की यूपीएससी परीक्षा के लिये आवश्यक उम्र सीमा अधिक हो गई तो उसने अपनी पहचान बदलकर नवनीत कुमार के नाम पर प्रमाण पत्र हासिल किया। इसमें पिता एवं घर का पता वही रखा। 

उन्होंने बताया कि बेतिया के उप निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी प्रमाणपत्रों एवं ग्राम प्रमुख तथा पूर्व ग्राम प्रमुख एवं अन्य ग्रामीणों के बयानों से से यह पता चला कि राजेश कुमार शर्मा ने नवनीत कुमार की पहचान अपनायी थी।

जांच एजेंसी ने पाया कि कुमार ने विभाग में 2003 से अब तक जन्म प्रमाणपत्र और इंटरमीडिएट की परीक्षा का कोई प्रमाणपत्र जमा नहीं कराया है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने यह भी पाया कि परीक्षा बोर्ड बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने भी कुमार के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने में सहयोग नहीं किया।

(इनपुट न्यूज एजेंसी भाषा से भी)

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