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Independence Day Poem in Hindi : स्वतंत्रता दिवस पर सुना सकते ये छोटी और आसान कविताएं

स्कूल के स्टूडेंट्स ने पोस्टर मेकिंग, स्पीच, क्वीज और कविताओं की तैयारी शुरू कर दी हैं। देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय पर्व के मौके पर आप भी देशभक्ति से जुड़ी कोई कविता या गीत सुनाकर इनाम जीत सकते हैं।

Independence Day Poem in Hindi : स्वतंत्रता दिवस पर सुना सकते ये छोटी और आसान कविताएं
Pankaj Vijayलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 10 Aug 2022 05:56 PM

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Independence Day Poem in Hindi : देश की आजादी को 75 बरस पूरे हो गए हैं। हर तरफ स्वतंत्रता दिवस के जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं। स्कूल, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताएं शुरू होने वाली हैं। स्कूल के स्टूडेंट्स ने पोस्टर मेकिंग, स्पीच, क्वीज और कविताओं की तैयारी शुरू कर दी हैं। देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय पर्व के मौके पर आप भी देशभक्ति से जुड़ी कोई कविता या गीत सुनाकर इनाम जीत सकते हैं। 

आदरणीय प्रिंसिपल, गुरुजनों और मेरे प्यारे दोस्तों,
आज 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी महान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए मैं छोटी सी कविता/छोटा सा गीत सुनाने जा रहा हूं-

कविता - 1
प्यारा प्यारा मेरा देश,
सबसे न्यारा मेरा देश।
दुनिया जिस पर गर्व करे,
वो जगमग सितारा मेरा देश।
गंगा जमुना की माला का,
फूलों वाला मेरा देश।
अंतरिक्ष में ऊंचा जाता मेरा देश,
प्यारा प्यारा मेरा देश।
इतिहास में बढ़ चढ़ कर,
नाम लिखाए मेरा देश।
नित नए चेहरों में,
मुस्कानें लाता मेरा देश।।

जय हिंद... जय भारत 

कविता -2

उठो, धरा के अमर सपूतों। 
पुन: नया निर्माण करो। 
जन-जन के जीवन में 
फिर से नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो। 
नई प्रात है नई बात है 
नई किरन है, ज्योति नई। 
नई उमंगें, नई तरंगें 
नई आस है, सांस नई। 
युग-युग के मुरझे सुमनों में 
नई-नई मुस्कान भरो। 
उठो, धरा के अमर सपूतों। 
पुन: नया निर्माण करो।।1।। 

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डाल-डाल पर बैठ विहग 
कुछ नए स्वरों में गाते हैं। 
गुन-गुन, गुन-गुन करते भौंरें
मस्त उधर मँडराते हैं। 
नवयुग की नूतन वीणा में 
नया राग, नव गान भरो। 
उठो, धरा के अमर सपूतों। 
पुन: नया निर्माण करो।।2।। 

कली-कली खिल रही इधर 
वह फूल-फूल मुस्काया है। 
धरती माँ की आज हो रही 
नई सुनहरी काया है। 
नूतन मंगलमय ध्वनियों से 
गुँजित जग-उद्यान करो। 
उठो, धरा के अमर सपूतों। 
पुन: नया निर्माण करो।।3।।

सरस्वती का पावन मंदिर 
शुभ संपत्ति तुम्हारी है। 
तुममें से हर बालक इसका 
रक्षक और पुजारी है। 
शत-शत दीपक जला ज्ञान के 
नवयुग का आह्वान करो। 
उठो, धरा के अमर सपूतों। 
पुन: नया निर्माण करो।।4।। ( -द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी )

जय हिंद... जय भारत 

गीत -1
जहां डाल-डाल पर 
सोने की चिड़िया करती है बसेरा 
वो भारत देश है मेरा 
जहां सत्य, अहिंसा और धर्म का 
पग-पग लगता डेरा 
वो भारत देश है मेरा
ये धरती वो जहां ऋषि-मुनि
जपते प्रभु नाम की माला
जहां हर बालक मोहन है
और राधा है हर एक बाला
जहां सूरज सबसे पहले आकर
डाले अपना डेरा
वो भारत देश है मेरा...

अलबेलों की इस धरती के 
त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है 
कहीं हैं होली के मेले
जहां राग रंग और हंसी खुशी का
चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा...

जहाँ आसमान से बाते करते
मंदिर और शिवाले
जहाँ किसी नगर मे किसी द्वार पर
कोई न ताला डाले
प्रेम की बंसी जहाँ बजाता 
है ये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा ...

जय हिंद... जय भारत

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