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उच्च शिक्षा संस्थानों में सालाना परीक्षा के अंक 30% ही रह जाएंगे

उच्च शिक्षा संस्थानों में विद्यार्थियों पर साल के अंत या सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षा का दबाव अब नहीं रहेगा। इन परीक्षाओं के जरिये मिलने वाले अंकों की हिस्सेदारी छात्रों के अंतिम रिजल्ट में...

उच्च शिक्षा संस्थानों में सालाना परीक्षा के अंक 30% ही रह जाएंगे
स्कन्द विवेक धर,नई दिल्ली | Sat, 14 Sep 2019 10:32 AM
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उच्च शिक्षा संस्थानों में विद्यार्थियों पर साल के अंत या सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षा का दबाव अब नहीं रहेगा। इन परीक्षाओं के जरिये मिलने वाले अंकों की हिस्सेदारी छात्रों के अंतिम रिजल्ट में मात्र 30% ही रह जाएगी।

शेष 70%अंक छात्र-छात्राओं को सतत मूल्यांकन के जरिये मिलेंगे, जिसमें क्लास टेस्ट, क्विज और असाइनमेंट का सहारा लिया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के परीक्षा सुधार में यह बदलाव प्रस्तावित है। वह इसे अगले सप्ताह जारी कर सकता है। परीक्षा सुधार पर तैयार ड्राफ्ट रिपोर्ट में सैद्धांतिक विषयों के मूल्यांकन के लिए चार मॉडल, प्रैक्टिकल कोर्स के लिए एक मॉडल और स्वअध्ययन के लिए एक मॉडल तैयार किया है। कार्य अनुभव वाले पाठ्यक्रमों के लिए भी मूल्यांकन मॉडल तैयार किया गया है। उदाहरण के लिए सैद्धांतिक विषयों के मूल्यांकन के लिए तैयार 200 अंकों के मॉडल-1 में कहा गया है कि छात्रों के तीन क्लास टेस्ट लिए जाएंगे, जिनके 35-35 अंक होंगे।

बेस्ट-3 के अंक जुड़ेंगे : अंतिम रिजल्ट में दो बेस्ट के अंक जोड़े जाएंगे। 10 अंकों के चार क्विज होंगे। अंतिम परिणाम में बेस्ट-3 के अंक जोड़े जाएंगे। ग्रुप डिस्कशन व एक्टिव लर्निंग के 10 अंक होंगे। 10-10 अंक क्रमश: होम व क्लास असाइनमेंट और उपस्थिति के होंगे। 60 अंक अंतिम परीक्षा के होंगे।

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