IIT Delhi: शोध में सामने आई बात, योग है तनाव दूर करने में लाभकारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) ने कोविड-19 से उपजी स्थिति को देखते हुए लगाए गए लाकडाउन के दौरान एक शोध में पाया है कि योग करने वालों को इस दौरान तनाव, घबराहट, अवसाद और चिंता की...

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) ने कोविड-19 से उपजी स्थिति को देखते हुए लगाए गए लाकडाउन के दौरान एक शोध में पाया है कि योग करने वालों को इस दौरान तनाव, घबराहट, अवसाद और चिंता की समस्या नहीं थी। योग करने के कारण व प्रतिकूल परिस्थित में भी मानसिक रूप से शांत थे। जबकि वह लोग तनाव, अवसाद और घबराहट के शिकार थे जो योग नहीं करते थे। यह शोध 4 से 10वें हफ्ते के बीच एक अध्ययन किया।
शोधार्थियों ने 26 अप्रैल से 6 जून तक 643 लोगों के बीच यह अध्ययन किया। योग करने वालों को भी तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया था। पहला लंबे समय से योग करने वाले, दूसरा एक साल से कम समय से योग करने वाले एवं तीसरे वो जिन्होने लाकडाउन के दौरान योग शुरू किया। इनसे फोन पर बातचीत करके, ईमेल से सवाल-जवाबों के जरिए, गूगल डॉक के जरिए उनसे सवाल पूछे गए थे। जिन 643 व्यक्तियों पर अध्ययन हुआ। 416 पुरुष जबकि 223 महिलाएं थी। इसमें छात्र, नौकरीपेशा, गृहणी भी शामिल थी।
आईआईटी की वैज्ञानिक डा. पूजा साहनी का कहना है कि कोविड-19 से उपजी स्थिति के दौरान तनाव को कम करने के तरीकों में योग करने की भी सलाह दी गई थी। हमारे अध्ययन ने कोविड-19 से उपजी विकट परिस्थितियों पर योग के सकारात्मक प्रभाव को चिन्हित किया है। शोध इस बात की प्रामाणिकता की पुष्टि करता है कि योग तनाव, चिंता और अवसाद से निपटने में मददगार है। आईआईटी मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कमलेश सिंह ने कहा कि चिकित्सकों को कोरोना सरीखी परिस्थितियों में तनाव को दूर करने के लिए योग को भी वैकल्पिक थैरेपी के रूप में अपनाना चाहिए। वहीं नेशनल रिसोर्स सेंटर फार वैल्यू एजुकेशन इन इंजीनियरिंग (एनआरसीवीईई) निदेशक प्रो राहुल गर्ग ने कहा कि इस शोध से यह साबित होता है कि जिंदगी की उलझनों को सुलझाने में योग काफी मददगार है। उच्च शिक्षण संस्थानों में इसका उपयोग लाभकारी होगा।