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IGNOU के 50 में से 42 कोर्स को ही यूजीसी की मंजूरी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दूरस्थ शिक्षा संस्थानों और वहां संचालित कोर्स की सूची जारी कर इग्नू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) सर्टिफिकेट और...

IGNOU के 50 में से 42 कोर्स को ही यूजीसी की मंजूरी
नई दिल्ली | प्रमुख संवाददाताTue, 14 Aug 2018 09:54 AM
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दूरस्थ शिक्षा संस्थानों और वहां संचालित कोर्स की सूची जारी कर इग्नू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स छोड़कर लगभग 50 नियमित कोर्स संचालित करता है। लेकिन, यूजीसी ने इग्नू के मात्र 42 कोर्स की सूची जारी की है, जिससे छात्रों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

यूजीसी के 9 अगस्त के निर्देश के अनुसार, यदि कोई दूरस्थ शिक्षा संस्थान अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद या कोर्स से संबद्ध मान्यता देने वाले संस्थान की स्वीकृति के बिना कोर्स संचालित कर रहा है तो वह कोर्स मान्य नहीं होगा। यूजीसी ने इसके लिए दूरस्थ शिक्षा देने वाले संस्थानों और वहां संचालित कोर्स की सूची भी जारी की है। उसमें इग्नू द्वारा संचालित एमसीए, बीएड सहित अन्य लोकप्रिय कोर्स नहीं हैं। इग्नू के प्रोफेसर कपिल कुमार ने यूजीसी पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि एमसीए 1990 से इग्नू में संचालित है, बीएससी नर्सिंग एक प्रमुख कोर्स है। इसमें बड़ी संख्या में दाखिला होता है। यह 1994 से संचालित है। बैचलर ऑफ टूरिज्म 1994 से संचालित हो रहा है। यहां से पढ़कर निकले छात्र आज कई जगहों पर नौकरी कर रहे हैं। यूजीसी का यह निर्णय ठीक नहीं है।

इग्नू के कुलपति प्रो.नागेश्वर राव ने बताया कि हमारे सभी कोर्स संबंधित नियामक निकायों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और संबंधित दस्तावेजों को यूजीसी को विचारार्थ जमा करा दिया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए गए सभी प्रमाणपत्र और डिप्लोमा कार्यक्रम वैध हैं और और इन्हें आगे भी उपलब्ध कराया जाता रहेगा।

सभी कोर्स नियामक निकायों से मान्यता प्राप्त
इग्नू के कुलपति प्रो.नागेश्वर राव ने बताया कि हमारे सभी कोर्स संबंधित नियामक निकायों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और संबंधित दस्तावेजों को यूजीसी को विचारार्थ जमा करा दिया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए गए सभी प्रमाणपत्र और डिप्लोमा कार्यक्रम वैध हैं और और इन्हें आगे भी उपलब्ध कराया जाता रहेगा।

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