बेटी नहीं, बेटा चाहता था परिवार, वही लड़की बनीं IAS, अब रिश्तेदार कर रहे हैं गर्व
गरीब परिवारों के बच्चे जब अधिकारी बनते हैं तो और भी कई बच्चों के प्रेरणास्रोत बनते हैं। IAS अधिकारी श्वेता अग्रवाल उनमें से एक हैं जिनकी सफलता की कहानी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं उम्मीदवारों को आज

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UPSC Success Story 2022: गरीब परिवारों के बच्चे जब अधिकारी बनते हैं तो और भी कई बच्चों के प्रेरणास्रोत भी बन जाते हैं। IAS अधिकारी श्वेता अग्रवाल उनमें से एक हैं जिनकी सफलता की कहानी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं उम्मीदवारों को आज भी प्रोत्साहित करती है।
आइए जानते हैं एक किराना विक्रेता की बेटी की सफलता की कहानी के बारे में, जिन्होंने श्वेता अग्रवाल ने साल 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बनीं।
शिक्षा
श्वेता अग्रवाल ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ कॉन्वेंट बैंडेल स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। बता दें, उनके पिता किराना दुकान के दुकानदार हैं।
दो बार पास की यूपीएससी की परीक्षा
श्वेता अग्रवाल ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा एक बार नहीं, बल्कि दो बार पास की है। श्वेता बचपन से ही IAS बनने का सपना देखा करती थी। उन्होंने ठान लिया था कि वह IAS अधिकारी जरूर बनेगी। अपने पहले प्रयास में उन्होंने 497वीं रैंक हासिल की थी और उन्हें IRS सर्विस मिली थी। इसके बाद उन्होंने फिर IAS परीक्षा देने का फैसला किया और 141वीं रैंक हासिल की, लेकिन बार भी उन्हें IAS सर्विस नहीं मिली। आखिरकार साल 2016 में उनका सपना पूरा हुआ और वह ऑल इंडिया 19वीं रैंक के साथ IAS अधिकारी बनीं।
बेटा चाहता था परिवार
ज्यादातर परिवार आज भी चाहता है कि उनके घर में लड़का जन्म ले, न कि लड़की। ये एक कड़वा सच है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्वेता के जन्म के वक्त परिवार में कोई उत्साह नहीं था। परिवार को बेटी नहीं बेटा चाहिए था। हालांकि श्वेता के माता-पिता ने तय कर लिया था कि वे अपनी बेटी को खूब पढ़ाएंगे। श्वेता ने अपना लक्ष्य हासिल कर निश्चित रूप से अपने माता-पिता को गौरवान्वित किया है। बता दें, श्वेता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। श्वेता अग्रवाल आईएएस अधिकारी के रूप में बंगाल कैडर में शामिल हुईं।