ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News करियर‘राइट टू एजुकेशन’ का दायरा बढ़ाने की तैयारी, जानिए किस कक्षा तक मिलेगी मुफ्त शिक्षा

‘राइट टू एजुकेशन’ का दायरा बढ़ाने की तैयारी, जानिए किस कक्षा तक मिलेगी मुफ्त शिक्षा

केंद्र सरकार राइट टू एजुकेशन (शिक्षा का अधिकार कानून, 2009) का दायरा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार चाहती है कि राइट टू एजुकेशन (आरटीई) का दायरा पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक सीमित नहीं...

‘राइट टू एजुकेशन’ का दायरा बढ़ाने की तैयारी, जानिए किस कक्षा तक मिलेगी मुफ्त शिक्षा
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 08 Jan 2018 05:09 PM
ऐप पर पढ़ें

केंद्र सरकार राइट टू एजुकेशन (शिक्षा का अधिकार कानून, 2009) का दायरा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार चाहती है कि राइट टू एजुकेशन (आरटीई) का दायरा पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक सीमित नहीं रहे, बल्कि इसके दायरे में नर्सरी से 12वीं कक्षा तक को लाया जाए। आरटीई में प्री स्कूल और सेकेंडरी स्कूल को शामिल करने पर अंतिम फैसला अगले हफ्ते केंद्र सरकार और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की कैब (सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन) के बीच होने वाली बैठक में होगा।

ईडब्ल्यूएस कोटा हो सकता है खत्म 
केंद्र सरकार और कैब की बैठक में उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार की मांग पर आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसदी ईडब्ल्यूएस कोटे (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित सीटें) को खत्म करने पर भी सहमति बन सकती है। इन राज्यों ने सुझाव दिया कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसदी ईडल्यूएस कोटे को खत्म किया जाए। क्योंकि इस कोटे के दाखिले पर केंद्र सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन असल में छात्रों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। बल्कि इस पैसे को सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने पर खर्च किया जाना चाहिए।

प्री स्कूल को प्राइमरी में जोड़ने पर सहमति 
अभी तक पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत अनिवार्य शिक्षा का लाभ मिलता है। कई राज्यों ने पिछली कैब बैठक में प्री स्कूल को राइट टू एजुकेशन में शामिल करने की मांग रखी थी, लेकिन अब इसका दायरा आठवीं से 12 वीं कक्षा तक करने की तैयारी है। हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली समेत 12 राज्यों ने प्री स्कूल को प्राइमरी स्कूल में जोड़ने पर सहमति दी है। इन राज्यों का तर्क है कि नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए अभिभावकों को निजी स्कूलों में लाखों रुपये की फीस देकर सीट मिलती है। यदि नर्सरी भी राइट टू एजुकेशन में शामिल होती है तो निजी स्कूलों की बजाय अभिभावकों के पास सरकारी स्कूलों में दाखिले का विकल्प होगा और दाखिले की मनमानी भी रूक जाएगी। क्योंकि इस एक्ट के तहत सरकारी स्कूलों में प्री स्कूल के तहत नर्सरी भी जुड़ जाएंगी।

11 जनवरी को कैब सब कमेटी की बैठक
कैब की बैठक से पहले 11 जनवरी, 2018 को कैब की सब कमेटी की बैठक होगी। इसकी अध्यक्षता मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह करेंगे। इस बैठक में बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, गुजरात, मनीपुर, केरल, पश्चिम बंगाल और असम के शिक्षा मंत्री शामिल होंगे। इस बैठक में प्री स्कूल व सेकेंडरी स्कूल पर जो सुझाव व रिपोर्ट आएगी, वह कैब की बैठक में पेश होगी। इस पर अंतिम फैसला कैब की बैठक में लिया जाएगा। 

Virtual Counsellor