जर्मन यूनिवर्सिटी के लिए 1.39 लाख रुपए की स्कॉलरशिप दे रही, चार सवालों के देने होंगे जवाब
दुनियाभर में प्रसिद्ध विश्वविद्यालय प्रतिभावान छात्रों को स्कॉलरशिप देते हैं ताकि वे उच्च शिक्षा हासिल कर सकें। लेकिन, क्या आपने कभी सुना है कि किसी विश्वविद्यालय ने किसी छात्र को कुछ नहीं करने के...
दुनियाभर में प्रसिद्ध विश्वविद्यालय प्रतिभावान छात्रों को स्कॉलरशिप देते हैं ताकि वे उच्च शिक्षा हासिल कर सकें। लेकिन, क्या आपने कभी सुना है कि किसी विश्वविद्यालय ने किसी छात्र को कुछ नहीं करने के लिए स्कॉलरशिप दी हो। जी हां, जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी ने दुनियाभर के छात्रों को एक अनोखे स्कॉलरशिप का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के तहत छात्रों को कुछ न करने के लिए 1900 डॉलर (1.39 लाख रुपये) दिए जाएंगे। इस अनोखे स्कॉलरशिप प्रोग्राम का नाम स्कॉलरशिप फॉर डोइंग नाथिंग रखा गया है और जर्मनी की हमबर्ग स्थित एचएफबीके यूनिवर्सिटी ऑफ फाइन आर्ट्स द्वारा प्रस्तावित की गई है।
आवेदकों को देना पड़ेगा प्रस्ताव
इस स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने की शुरुआत 25 अगस्त से हो गई है और 15 सितंबर तक छात्र अपने-अपने आवेदन जमा करा सकेंगे। इस आवेदन में आवेदकों को एक प्रश्न के अनुसार प्रस्ताव देना पड़ेगा। प्रश्न यह है कि मैं ऐसे कौन सी गतिविधियों से बचना चाहूंगा ताकि मेरे जिंदगी का दूसरों पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। एचएफबीके के डिजाइन प्रोफेसर फ्रेडरिक वॉन बोरिस ने इस स्कॉलरशिप को उपलब्धि और सफलता की सामाजिक धारणाओं को चुनौती देने के लिए डिजाइन किया है। बोरिस ने कहा, जिस दुनिया में हम रह रहे हैं उसका विश्वास आर्थिक सफलता और विकास में है। यह सोच हमें पारिस्थितिक संकट की ओर ले जा रही है। इससे हमारे समाज में सामाजिक अन्याय बढ़ रहा है। हमें इसे उलटा करना चाहते थे। हम सर्वश्रेष्ठ और किसी प्रोजेक्ट को करने की जगह कुछ नहीं करने के लिए स्कॉलरशिप देना चाहते थे।
चार सवालों के देने होंगे जवाब
इस स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने वालों लोगों को चार सवालों के जवाब देने होंगे। आप क्या नहीं करना चाहते हैं? आप कितने समय तक यह काम नहीं करना चाहते हैं? इस कार्य को नहीं करना आपके लिए जरूरी क्यों है? इस काम को नहीं करने के लिए आप सबसे उपयुक्त व्यक्ति क्यों हैं। इस स्कॉलरशिप के लिए सिर्फ इस यूनिवर्सिटी के छात्र ही नहीं बल्कि दुनियाभर के छात्रों को आवेदन करने की अनुमति दी गई है।
कोविड-19 में गतिविधयों की कमी से आया विचार
बोरिस ने कहा कि इस स्कॉलरशिप का विचार कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान गतिविधियों में आई कमी से प्रेरित है। उन्होंने कहा, कोविड के दौरान हमने खुद को और दूसरे को बचाने के लिए व्यस्त रहने की आदत को त्याग दिया। यह बेहद ही महवपूर्ण था और मुझे उम्मीद है कि इसी रवैये को हम कोविड-19 के बाद भी जारी रख सकेंगे। इस स्कॉलरशिप के तीन विजेताओं के विचारों को हमबर्ग म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड डिजाइन में प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदशर्नी 5 नवंबर 2020 से लेकर 9 मई 2021 तक चलेगी।