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Gandhi Ji Speech in hindi: गांधी जयंती की मौके पर यहां पढ़ें उनसे जुड़ी ये खास बातें

2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है। इस मौके पर स्कलों में कई सांस्कृतिक और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और  कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। अगर आप भी स्कूल कॉलेज में महात्मा गांधी से जुड़ी

Gandhi Ji Speech in hindi: गांधी जयंती की मौके पर यहां पढ़ें उनसे जुड़ी ये खास बातें
Anuradha Pandeyलाइव हिंदुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 02 Oct 2022 08:13 AM

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2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है। इस मौके पर स्कलों में कई सांस्कृतिक और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और  कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। अगर आप भी स्कूल कॉलेज में महात्मा गांधी से जुड़ी किसी वाद-विवाद प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं, तो हम आपके लिए लाए हैं गांधी से जुड़ी ये खास बातें, जिन्हें आप अपने भाषण या निबंध में लिखकर अपने शिक्षकों को इंप्रेस कर सकते हैं। आप गांधी जी जन्मदिवस से अपने भाषण की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा गांधी जी से जुड़ी किसी घटना को भी अपने भाषण में सामिल कर सकते हैं।

सभी शिक्षकों को मेरा नमन,

महात्मा गांधी जिनका नाम मोहनदास कर्मचंद गांधी था, का जन्म 2 अक्टूबर को 1869 में हुआ था। सत्य और अहिंसा गांधी जी के दो सिद्धांत थे, यही वजह है कि  15 जून 2007 को यूनाइटिड नेशनल असेंबली ने  2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने का फैसला किया। अब देश ही नहीं दुनिया भी गांधी जी के सत्य और अंहिसा के सिद्धांत को मानती है। गांधी जी मानते थे कि आंख के बदले आंख की सोच रखेंगे तो पूरी दुनिया ही अंधी हो जाएगी। पापी से लड़कर किसी को कुछ नहीं मिलेगा इसलिए हमें अपनी भावनाओं का चुनाव करना सीखना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस में तो गांधी जी के अहम योगदान के बारे में सभी जानते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि  गांधीजी ने 15 अगस्त 1947 का दिन कैसे बिताया था, उन्होंने इस दिन 24 घंटे का उपवास रखा। उस वक्त देश को आजादी तो मिली थी, लेकिन इसके साथ ही मुल्क का बंटवारा भी हो गया था। पिछले कुछ महीनों से देश में लगातार हिंदू और मुसलमानों के बीच दंगे हो रहे थे। इस अशांत माहौल से गांधीजी काफी दुखी थे।

महात्मा गांधी के राष्ट्रपिता कहे जाने के पीछे भी एक कहानी है। महात्मा गांधी को पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया था। 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडिया से एक संदेश प्रसारित करते हुए 'राष्ट्रपिता' महात्मा गांधी कहा था। इसके बाद कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने गांधीजी को महात्मा की उपाधि दी थी। इसी के साथ हम सभी को गांधी जी के सिद्धांतो को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।  
धन्यवाद। 
जय हिन्द! 

 

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