एक्यूप्रेशर थेरेपी में रोजगार के मौके, जानें कैसे बन सकते हैं प्रोफेशनल
एक्यूप्रेशर शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग के निदान करने की विधि...
एक्यूप्रेशर थेरेपी में कॅरियर
एक्यूप्रेशर शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग के निदान करने की विधि है। चिकित्सा शास्त्र की इस शाखा का मानना है कि मानव शरीर पैर से लेकर सिर तक आपस में जुड़ा है। हजारों नसें, रक्त धमनियां, मांसपेशियां, स्नायु और हड्डियों के साथ अन्य कई चीजें आपस में मिलकर इस मशीन को बखूबी चलाती हैं। अत: किसी एक बिंदु पर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है। यह चीन की चिकित्सा पद्धति है। आज हम आपको बता रहे हैं कैसे आप इस डिमांडिग फील्ड में अपना कॅरियर बना सकते हैं।
क्या है एक्यूप्रेशर थेरेपी
एक्यूप्रेशर द्वारा शरीर की मांसपेशी तंतुओं में भी लचक पैदा हो जाती है, जिससे खून का संचार आसानी से होता है और यह अस्थिपंजर तक की बीमारी को दूर करता है। भारत में एक्यूप्रेशर का जन्म 5 हजार साल पहले हुआ था। एक्यूप्रेशर के लगभग 669 बिंदुओं की सूची दी गई है और चार्ट में 1000 प्वॉइन्ट दिए गए हैं लेकिन रोजाना प्रयोग में आने वाले प्वॉइन्ट 100 से 200 ही होते हैं। इसके इलाज में प्रमुख काम उगलियों का ही होता है क्योंकि इसमें रोगी को बिना किसी दवाई और पेनरिलीफ के ठीक करना होता है। इसमें शरीर के कुछ खास प्वॉइंट पर प्रेशर करना होता है। एशियन मेडिकल फिलोसफी के अनुसार शरीर के प्वाइंट को प्रैशर के द्वारा ठीक किया जाता है, ताकि शरीर में चलने वाला खूब का प्रवाह सही गति में धमनियों में चल सके। इससे बॉडी की टेंशन, खास अंगो का दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है। चिकित्सा शास्त्र की इस पद्दति का मानना है कि शरीर में हजारों नसों ,रक्त धमनियों ,मांसपेसियों ,स्नायू और हड्डियों के साथ कई अन्य चीजे मिलकर इस शरीर रूपी मशीन को चलाते हैं।
इस पद्दति में हथेलियों ,पैरों के तलवों, अंगुलियों और कभी कभी कोहनी अथवा घुटनों पर हल्के और मध्यम दबाव डालकर शरीर में स्थित उन उर्जा केन्द्रों को फिर से सक्रिय किया जाता है, जो किसी कारण अवरुद्ध हो गई हों। बिना दवा के इलाज करने वाली यह पद्धति सरल ,हानिरहित, खर्च रहित व अत्यंत प्रभावशाली और उपयोगी है, जिसे कोई भी थोड़ी सी जानकारी हासिल कर कभी भी कहीं भी कर सकता है। बस शरीर से संबंधित अंगों के बिंदु केन्द्रों की हमें जानकारी होनी चाहिए। वर्तमान में भारत और चीन के साथ ही अमेरिका आदि देशों में भी कई रोगों के उपचार में एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति काम में लाई जाती है।
आगे पढ़ें इस करियर के लिए जरूरी गुण
ये हैं जरूरी गुण
समस्या हल करने के कौशल
वास्तविक जीवन की स्थितियों के साथ रोग का सामना करते समय महत्वपूर्ण सोच लागू करने में सक्षम
लगन
ग्राहक को आराम पहुंचाने की क्षमता
देखभाल
ईमानदार
संचार और सुनने का कौशल
समझ और संवेदनशीलता
धीरज
आत्म जागरूकता और भावनात्मक स्थिरता
अच्छा हाथ-आंख समन्वय और एक स्थिर हाथ
रचना और सहानुभूति
जिम्मेदारी लेने में सक्षम होना चाहिए, और उन्हें समझना चाहिए, मन और शरीर के कनेक्शन के लिए जुनून
मिलनसार व्यक्तित्व
योग्यता
जो भी छात्र एक्यूप्रेशर थेरेपी में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, उनके पास मास्टर डिग्री और ग्रेजुएट सर्टिफिकेट होना चाहिए, वो भी किसी एक्यूप्रेशर प्रोगाम का। इस कॅरियर में छात्रों को पूरी ट्रेनिंग और अनुभव की जरूरत पड़ती है।
आगे पढ़ें किन संस्थानों से कर सकते हैं पढ़ाई
संस्थान
एक्यूप्रेशर ट्रेनिंग (कॉरस्पोन्डेंस / डिस्टैन्स एजुकेशन)
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ एक्यूप्रेशर रिसर्च , ट्रेनिंग एंड ट्रीटमेंट,चंडीगढ़
एक्यूप्रेशर ट्रेनिंग
नादीपैथी एक्यूप्रेशर हेल्थ केयर सेंटर, काकीनाडा
सुजोक एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर, नई दिल्ली
एक्यूपंक्चर कैम थेरेपी इंस्टीट्यूट, देहरादून
एक्यूप्रेशर रिसर्च, ट्रेनिंग एंड ट्रीटमेंट संस्थान, इलाहाबाद
उत्तरांचल इंस्टीटयूट एक्यूप्रेशर और अल्ट्रानेटिव मैडिसिन, देहरादून
एडवांस डिप्लोमा इन एक्यूप्रेशर थेरेपी
एक्यूप्रेशर हेल्थ मार्ट (एसीएम), नई दिल्ली
एक्यूप्रेशर हेल्थ मार्ट, कोलकाता
एक्यूप्रेशर संस्थान, जोधपुर
एक्यूप्रेशर हेल्थ केयर मार्ट (एसीएम), मुंबई
एक्यूप्रेशर हेल्थ केयर इंडिया, रायपुर