DU : डीयू ने ग्रेजुएशन के दौरान अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए जरूरी पासिंग मार्स बढ़ाकर 63 फीसदी किए
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपने सभी स्नातक कोर्सेज में अगली कक्षा में प्रमोशन के लिए पासिंग मार्क्स मानदंड को 50 प्रतिशत अंकों से बढ़ाकर 63 प्रतिशत कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपने सभी स्नातक कोर्सेज में अगली कक्षा में प्रमोशन के लिए पासिंग मार्क्स मानदंड को 50 प्रतिशत अंकों से बढ़ाकर 63 प्रतिशत कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इसके साथ डीयू के सभी कॉलेजों में स्नातक की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब प्रमोशन के लिए पहले और दूसरे सेमेस्टर में कुल मिलाकर 63 प्रतिशत अंक हासिल करने होंगे। हालांकि, खेल, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) में दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्रों को उनके कॉलेज के सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद मानदंड से छूट दी जा सकती है।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) स्नातक पाठ्यचर्या रूपरेखा (यूजीसीएफ) 2022 के कार्यान्वयन में कमियों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
उन्होंने कहा, “उत्तीर्ण और प्रोन्नत संबंधी पिछले नियमों के तहत, पहले और दूसरे समेस्टर की परीक्षा में 50 फीसदी अंक हासिल करने वाले छात्रों को सिलेबस के द्वितीय वर्ष में प्रमोट कर दिया जाता था। छात्र को सात पेपर पास करने होते थे और कुल 22 क्रेडिट अर्जित करने होते थे।
अगली क्लास में प्रमोट करने वाले दिशानिर्देश तैयार करने वाली समिति के एक सदस्य ने पीटीआई को बताया, "हालांकि, चूंकि एनईपी-यूजीसीएफ 2022 के तहत सभी पेपरों में समान क्रेडिट नहीं हैं, इसलिए यह संभव है कि कोई छात्र केवल 36 प्रतिशत अंकों के साथ दोनों सेमेस्टर के केवल तीन पेपर और एक सामान्य ऐच्छिक विषय पास करके अगले वर्ष में प्रमोट हो जाए।"
अधिकारी ने कहा कि इसकी समीक्षा करने के लिए मिरांडा हाउस, किरोड़ीमल कॉलेज और लेडी श्री राम सहित कई डीयू कॉलेजों के प्रिंसिपलों और डीन, अकादमिक और परीक्षा नियंत्रक (सीओई) की 12 सदस्यीय समिति ने 7 मई को एक बैठक की और अपनी सिफारिशें दीं। उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों को बाद में डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने 28 मई को मंजूरी दे दी। समिति ने कहा कि एनईपी-यूजीसीएफ 2022 को लागू करने में अड़चनें छात्रों के शैक्षणिक विकास को नुकसान पहुंचा रही है और एनईपी 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को पीछे धकेल रही हैं। समिति इस आम सहमति पर पहुंची कि पासिंग मार्क्स और प्रमोशन नियमों की समीक्षा की जानी चाहिए। समिति ने सुझाव दिया कि अगले वर्ष में प्रमोशन के लिए पात्र होने के लिए छात्रों को 50 प्रतिशत की शैक्षणिक आवश्यकता पूरी करनी चाहिए। समिति के सदस्य ने यह भी कहा कि अगले वर्ष में जाने के लिए छात्र को कम से कम 28 क्रेडिट प्राप्त करने चाहिए, जो पहले 22 क्रेडिट था।