दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने यहां कॉलेजों के शिक्षकों को प्रोफेसर बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। कई शिक्षक इसे दीवाली से पहले शुरू करने पर तोहफा मान रहे हैं। डीयू से संबद्ध कॉलेजों के चार सौ से अधिक शिक्षक प्रोफेसर बनेंगे, जिससे शोध करने वाले छात्रों की संख्या में भी जबदरस्त इजाफा होगा। यही नहीं डीयू के विभागों में नियुक्त प्रोफसरों को सीनियर प्रोफेसर की पदोन्नति की भी तैयारी है।
यूजीसी के नियमानुसार 1 प्रोफेसर के सानिध्य में 6 शोधार्थी पीएचडी कर सकते हैं। फिर जैसे-जैसे सीट खाली होंगी वह छात्रों को ले सकता है। यही नहीं कॉलेजों के इन शिक्षकों को वेतन का भी वही लाभ मिलेगा जो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को मिलता है।
वर्तमान में डीयू में शोधार्थियों की संख्या कम है। क्योंकि अधिकांश विभाग प्राध्यापकों की संख्या के अनुसार ही शोधार्थी दाखिला लेते हैं, लेकिन कॉलेजों में प्रोफेसरों की संख्या बढ़ने पर अब विभिन्न विषयों के छात्रों के लिए पीएचडी में दाखिला के लिए सीटें बढ़ेंगी। यही नहीं कॉलेजों में संबंधित विषय के विभाग भी खोले जाने की संभावना भी बढ़ गई है।
इससे पहले बहुत कम कॉलेजों में कुछ शिक्षकों को शोध कराने की अनुमति थी। यही नहीं कॉलेजों में एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर के ही पदों पर नियुक्ति होती थी। लेकिन अब प्रोफेसर की निर्धारित योग्यता रखने वाले एसोसिएट प्रोफेसर को पदोन्नति कर प्रोफेसर बनाया जाएगा।
डीयू में भाष्काराचार्य कॉलेज के प्रिंसिपल व डीन ऑफ कॉलेजेज डॉ. बलराम पाणि ने बताया कि हमारी कोशिश है कि यदि प्रोफेसर के लिए निर्धारित योग्यताएं पूरी करने वाला शिक्षक दिसंबर में सेवानिवृत्त होने वाला है तो प्रोफेसर के रूप में उसकी पदोन्नति नवंबर में कर दी जाए। चार सौ से अधिक कॉलेजों के शिक्षकों को प्रोफेसर बनने का लाभ मिल पाएगा। स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कॉलेज कमेटी गठित कर इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे। इससे लगभग ढाई हजार सीट शोधार्थियों के लिए बढ़ जाएगी।
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कॉलेज का कौन शिक्षक बन पाएगा प्रोफेसर
यूजीसी के नियमानुसार कॉलेज के वही शिक्षक प्रोफेसर बन पाएंगे जो यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यता पूरी करेंगे। यूजीसी इसके लिए 2018 में नियम लाया था। इसके तहत शोध पत्र प्रकाशन, शोधार्थियों का पीएचडी के लिए निर्देशन व अन्य योग्यताएं हैं। इसके बाद चयन समिति इसका निर्णय लेगी कि निर्धारित शिक्षक प्रोफेसर की योग्यता रखता है कि नहीं।
अभी क्या है स्थिति
डीयू में अभी सभी कॉलेजों के शिक्षक पीएचडी नहीं करा पाते हैं, हालांकि वह शिक्षक जिन्होंने डीयू में अपने निर्देशन में पीएचडी करवाने के लिए आवेदन किया है और उनको अनुमति मिल गई है। वह अब भी पीएचडी कराते हैं। हालांकि ऐसे शिक्षकों की संख्या बहुत अधिक नहीं है। पहले कॉलेज के शिक्षक पीएचडी भी नहीं करा पाते थे।
डीयू के विभागों में सीनियर प्रोफेसर की नियुक्ति
डीयू के विभागों ने प्रोफेसर के बाद सीनियर प्रोफेसर की भी नियुक्ति होगी। यह प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने वाली है। कॉलेजों में प्रोफेसर और विश्वविद्यालय के विभागों में सीनियर प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए 2018 में कार्यकारी परिषद से मंजूरी मिली थी।