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डीयू में क्रेडिट सिलेबस कम करने के प्रस्ताव के खिलाफ शिक्षक

डीयू में तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत 192 से 194 क्रेडिट का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। डीयू ने इसे 184 से 164 क्रेडिट करने का प्रस्ताव कॉलेजों और विभागाध्यक्षों को भेजा है। इस प्रस्ताव को...

डीयू में क्रेडिट सिलेबस कम करने के प्रस्ताव के खिलाफ शिक्षक
Pankaj Vijayप्रमुख संवाददाता,नई दिल्लीMon, 27 Dec 2021 12:43 PM
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डीयू में तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत 192 से 194 क्रेडिट का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। डीयू ने इसे 184 से 164 क्रेडिट करने का प्रस्ताव कॉलेजों और विभागाध्यक्षों को भेजा है। इस प्रस्ताव को शिक्षकों और छात्रों के खिलाफ बताते हुए विरोध शुरू हो गया है। कई शिक्षकों का कहना है कि प्रस्ताव का जो प्रारूप कॉलेजों और विभागों को भेजा गया है, वह विद्वत परिषद और कार्यकारी परिषद में पास नहीं हुआ है। 

आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने भी एक बयान जारी कर कॉलेजों और विभागाध्यक्षों को भेजे गए प्रस्ताव की आलोचना की है और मांग की है कि इसे लागू करने से पहले डीयू में शिक्षकों की नियुक्ति हो। डीटीए के पदाधिकारी डॉ. हंसराज सुमन का कहना है कि नई शिक्षा नीति के प्रस्तावित ढांचे से यूजी कॉलेजों में विभिन्न विषयों के समग्र कार्यभार में बदलाव किया जाएगा, जिसे तीन वर्षों के लिए काफी कम किया जा सकता है। यह शिक्षकों के कार्यभार को भी प्रभावित करेगा। इस प्रकार यह शिक्षण स्थिति, आरक्षण रोस्टर और उसके नियमितीकरण प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। डीटीए ने कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह से मांग की है कि विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों और कॉलेजों में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने से पहले तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाए। साथ ही यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय से आए बैकलॉग व ओबीसी की दूसरी किस्त के पदों को भी भरने की मांग की गई है।

क्या है क्रेडिट सिस्टम
डीयू में कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. राजेश झा का कहना है कि क्रेडिट सिस्टम पाठ्यक्रमों को पढ़ाने की अवधि है। पहले यह व्यवस्था नहीं थी लेकिन यूजीसी द्वारा सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अब च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है। इसे तरह समझें कि हमें किसी अध्याय को पढ़ाने के लिए पांच घंटे की अवधि निर्धारित की गई है और अब वह घटाकर तीन घंटा की जा रही है। इससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षक और छात्र सीधे प्रभावित हो रहे हैं।

शिक्षक नियुक्ति प्रभावित होगी
डीयू के अंबेडकर कॉलेज में कॉमर्स के शिक्षक अनिल काला का कहना है कि फिलहाल तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत 192 से 194 क्रेडिट के कोर्स छात्र पढ़ते हैं। यदि इसे 164 कर दिया जाएगा तो इससे शिक्षक व छात्र दोनों को नुकसान है। क्रेडिट के हिसाब से ही शिक्षकों की नियुक्ति होती है। ऐसे में जब क्रेडिट या पाठ्यक्रम कम होगा तो शिक्षकों की नियुक्तियां भी कम होंगी। अब जैसे एन्वायरमेंटल साइंस का प्रश्नपत्र अनिवार्य था, जिसके छात्रों को चार क्रेडिट मिलते थे लेकिन अब यह वैकल्पिक है और इसके बस दो क्रेडिट हैं। इससे इस विषय को पढ़ाने वाले शिक्षक प्रभावित होंगे।

शिक्षकों को नौकरी से बेदखल करने की साजिश : डॉ. राजेश झा
डीयू एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट के पदाधिकारी डॉ. राजेश झा का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत लाया जा रहा प्रस्ताव पूरी तरह से शिक्षकों के कार्यभार को प्रभावित करेगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ जहां तदर्थ शिक्षकों के समायोजन की मांग हो रही है, वहीं दूसरी तरफ उनकी नौकरी को खतरे में डाला जा रहा है। यह उनको नौकरी से बेदखल करने की साजिश है, जिसका हम लोग विरोध करते हैं। 

शिक्षकों को डूटा कार्यकारिणी की बैठक का इंतजार 
शिक्षक कॉलेजों और विभागाध्यक्षों को भेजे गए प्रस्ताव का तो विरोध कर ही रहे हैं, साथ ही डूटा नेतृत्व की चुप्पी पर भी सवाल उठा रहे हैं। डीयू के एक शिक्षक का कहना है कि इस प्रस्ताव से तदर्थ शिक्षकों की नौकरी सीधे प्रभावित हो रही है। ऐसे में डूटा को कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर कोई कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। हमें डूटा कार्यकारिणी की बैठक का इंतजार है। 

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