डीयू में पहली कटऑफ के दाखिले आज समाप्त हो जाएंगे, लेकिन दाखिला लेने वाले छात्रों के सामने हॉस्टल का संकट है। हालांकि छात्रों को हास्टल देने को लेकर सभी कॉलेजों में स्थिति स्पष्ट नहीं है। कुछ कॉलेजों ने जहां इस बार हास्टल देने से मना कर दिया है, वहीं कुछ ने देने का फैसला लिया है। कई कॉलेजों का कहना है कि अभी हमें डीयू के दिशा निर्देश का इंतजार है।
ज्ञात हो कि डीयू के 20 कॉलेजों में हास्टल की सुविधा है। इसमें कई कॉलेजों में जहां केवल छात्र, कुछ में केवल छात्राओं के लिए तथा कुछ कॉलेजों में दोनों के रहने की सुविधा है। हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. अंजू श्रीवास्तव का कहना है कि हम कोविड-19 से उपजी स्थिति को देखते हुए इस बार छात्र छात्राओं को हास्टल नहीं दे रहे हैं। हालांकि रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मनोज खन्ना का कहना है कि हमने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है हमें दिशा निर्देशों का इंतजार है।
डीयू के मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल डॉ. बिजयलक्ष्मी नंदा ने कहा कि हम पूर्व नियमों के अनुसार ही हॉस्टल में दाखिला देंगे, लेकिन हम अभी दाखिला नहीं देंगे। हम इसके लिए डीयू के दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि एसजीटीबी खालसा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जसविंदर सिंह का कहना है कि हम हॉस्टल देंगे, जिन छात्रों को आवश्यकता है वह आवेदन कर सकते हैं।
डीयू के ही महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजीव तिवारी का कहना है कि अभी कॉलेज खुला नहीं है। सत्र शुरू होने के बाद इस पर विचार किया जाएगा। तब तक डीयू भी इस बारे में दिशा निर्देश दे सकता है। निर्देश के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
डीयू के इन कॉलेजों में हैं हॉस्टल
- भारती महाविद्यालय
- दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज
- दौलत राम कॉलेज•
- हंसराज कॉलेज
- हिंदू कॉलेज•
- इंद्रप्रस्थ कॉलेज फार वुमन •
- जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज •
- करोड़ीमल कॉलेज •
- एलएसआर कॉलेज •
- लेडी इरविन कॉलेज •
- मिरांडा हाउस •
- रामजस कॉलेज
- एसआरसीसी कॉलेज
- श्री वेंकटेश्वर कॉलेज •
- एसजीटीबी खालसा कॉलेज
- महाराजा अग्रसेन कॉलेज
- केशव महाविद्यालय •
- शहीद राजगुरु कॉलेज आफ वुमन फार एप्लाएड साइंस
- श्री गुरु गोबिंद सिंह वाणिज्य महाविद्यालय
- शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज
निजी हॉस्टल या लॉज मालिकों की क्या है नीति
डीयू के नार्थ कैंपस के समीप अपना लॉज चलाने वाले राजपाल सिंह का कहना है कि हास्टल या लॉज के लिए छात्र जानकारी मांग रहे हैं। कुछ लोग रह भी रहे हैं। पहले जहां एक कमरे में कई छात्राएं रहती थीं, जिससे उनका किराया कम आए। अब हम एक कमरा केवल एक ही छात्रा को दे रहे हैं। लेकिन किराया उनसे शेयरिंग वाला ही लिया जा रहा है, क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया है। आगे हमें दिशा निर्देशों का इंतजार है।