IIIT दिल्ली को डीएसटी ने शोध के लिए दिया 100 करोड़ का अनुदान
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग (डीएसटी) ने इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट आफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) दिल्ली में आई-हब अनुभूति के लिए 5 साल की अवधि के लिए 100 करोड़ का अनुदान दिया है।...

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग (डीएसटी) ने इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट आफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) दिल्ली में आई-हब अनुभूति के लिए 5 साल की अवधि के लिए 100 करोड़ का अनुदान दिया है। इस कंपनी का गठन धारा 8 के तहत भारत सरकार के नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनेरी साइबर-फिज़िकल सिस्टम के तहत किया गया है।
इसके बारे में विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनेरी साइबर-फिज़िकल सिस्टम को विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग द्वारा तैयार किया गया है, जो बेसिक एवं अप्लाईड नॉलेज जनरेशन, ह्युमन रिसोर्सेज़, टेक्नोलॉजी, स्टार्ट-अप एवं इंडस्ट्री कनेक्ट जैसी सीपीएस तकनीकों के लिए आसान सिस्टम का निर्माण कर रहा है। आईआईआईटी-दिल्ली में आई-हब अनुभूति उद्योग, अकादमिक जगत एवं सरकारी एजेन्सियों के बीच मजबूत साझेदारी को सुनिशचित करेगा जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सिग्नल प्रोसेसिंग के वैज्ञानिक विषयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इससे स्वास्थ्य, कानून प्रवर्तन एवं सुरक्षा, शिक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण का समाधान उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। आईआईआईटी के निदेशक व आई हब अनुभूति के प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर प्रो.रंजन बोस का कहना है कि दिल्ली हमेशा से अपने फैकल्टी एवं छात्रों के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देता रहा है। संस्थान ने डीएसटी के सहयोग से नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनेरी साइबर-फिज़िकल सिस्टम के तहत टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच)- आईहब अनुभूति की स्थापना की है। टीआईएच विभिन्न क्षेत्रों में शोध, नवोन्मेष, उद्यमिता का हब होगा और सार्वजनिक अनुसंधान एवं वाणिज्यीकरण के लिए राष्ट्रीय स्तर की सुविधा की तरह काम करेगा।
यह हब स्टार्ट-अप्स को भी उद्यमिता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। अनुसंधान एवं विकास के द्वारा इन प्रयासों को बढ़ावा दिया जाएगा। अनुसंधान एवं इनोवेशान पर ध्यान केन्द्रित करते हुए यह प्रोजेक्ट उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगा और राष्ट्रीय स्तर पर इसके परिणाम देगा।
आईआईआईटी-दिल्ली के आईहब प्रोजेक्ट के निदेशक प्रोफेसर पुष्पेन्द्र सिंह का कहना है कि आईहब अनुभूति-आईआईआईडी फाउंडेशन में बुनियादी अनुसंधान किया जाएगा। यहां अनुसंधान एवं विकास के द्वारा सामाजिक समस्याओं एवं विशवस्तरीय चुनौतियों के समाधान के लिए प्रोडक्ट विकसित किए जाएंगे। टीआईएच उद्योग जगत एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
टीआईएच का नेतृत्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश मल्होत्रा के द्वारा किया जाएगा। उनका कहना है कि साइबर फिज़िकल सिस्टम में आधुनिक तकनीकों एवं इनोवेशन्स के साथ इंडस्ट्री 4.0 से जुड़े मुद्दों को हल करने की क्षमता है। हमारा बुनियादी ढांचा टेक-सेवी उद्यमियों के बीच तालमेल बनाएगा और आज की समस्याओं के समाधान के लिए उनमें कौशल विकसित करेगा। इस तरह की साझेदारियां आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देंगी, उद्यमिता के अवसर उत्पन्न करेंगी और टीआईएच का रेवेन्यू बढ़ाने में कारगर होंगी।