Hindi Newsकरियर न्यूज़DSSSB teacher recruitment : bumper jobs for teachers in delhi government school soon read High court order

DSSSB निकाल सकता है शिक्षकों की बंपर भर्ती, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

दिल्ली में सरकारी और नगर निगम के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को नहीं भरे जाने पर उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगमों को...

DSSSB निकाल सकता है शिक्षकों की बंपर भर्ती, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश
Pankaj Vijay प्रमुख संवाददाता, नई दिल्लीSat, 29 Aug 2020 06:04 AM
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दिल्ली में सरकारी और नगर निगम के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को नहीं भरे जाने पर उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगमों को आड़े हाथ लिया। न्यायालय ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों, खासकर अच्छे शिक्षकों की कमी के कारण निजी स्कूल तेजी से बढ़ रहा है।

जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा कि पद सृजित करने के बाद सालों तक नहीं भरे जाने से बैकलॉग भी बढ़ता है और शिक्षकों की कमी से शिक्षा का स्तर भी गिर रहा है। इस पर नगर निगम की ओर से अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि छात्रों की संख्या स्कूलों में कम हो रही है। इस पर न्यायालय ने कहा कि जब आपके पास अच्छे और पर्याप्त शिक्षक नहीं होंगे तो बच्चे निजी स्कूल चला जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता संगठन की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि सरकार और नगर निगमों ने गरीब बच्चों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है और शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए एक इंच भी कदम नहीं बढ़ाया है।

इसके बाद उच्च न्यायालय ने नगर निगमों को विशेष शिक्षक के खाली पड़े 935 पदों को भरने के लिए डीएसएसएसबी को आग्रह पत्र भेजने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने डीएसएसएसबी को नगर निगम के स्कूलों के लिए चयनित 780 उम्मीदवारों का डोजियर एमसीडी को भेजने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाइ 26 सितंबर को होगी। पिछली सुनवाई पर डीएसएसएसबी ने उच्च न्यायालय को बताया है कि उपराज्यपाल ने नगर निगम के स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अधिकतक उम्रसीमा मे छूट दे दी है। 

डीएसएसएसबी ने न्यायालय को यह भी बताया था कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आग्रह पर उपराज्यपाल ने सिर्फ एक बार के लिए अधिकतम उम्रसीमा में 10 साल की छूट दी है। यह छूट केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभियर्थियों को ही मिलेगी। अधिक उम्र होने के कारण ही विशेष शिक्षकों के खाली पदों को नहीं भरा जा रहा है। याचिकाकर्ता संगठन सोशल ज्यूरिस्ट की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि 10 साल पहले शिक्षा निदेशालय और नगर निगम को अपने स्कूलों में मूक बधिर और दृष्टिहीन बच्चों को समुचित शिक्षा देने के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश दिया था। अग्रवाल ने कहा कि एक दशक बीत जाने के बाद भी सरकार और नगर निगमों ने विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सृजित पद को नहीं भर पाया है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हजारों मूक, बधिर व दृष्टिहीन बच्चों को समुचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

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