Hindi Newsकरियर न्यूज़DSSSB Teacher Recruitment 2021 : High court asks DSSSB why delay in recruiting 12165 teachers despite request

दिल्ली हाईकोर्ट ने DSSSB से पूछा, आग्रह के बाद भी क्यों नहीं हो रही 12165 शिक्षकों की भर्ती

उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) से यह बताने के लिए कहा है कि दिल्ली सरकार के आग्रह के बाद भी 12,165 शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं हो रही है। न्यायालय ने इस बारे...

Pankaj Vijay प्रभात कुमार, नई दिल्लीWed, 17 March 2021 10:46 AM
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उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) से यह बताने के लिए कहा है कि दिल्ली सरकार के आग्रह के बाद भी 12,165 शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं हो रही है। न्यायालय ने इस बारे में डीएसएसएसबी के अध्यक्ष से सफाई देने को कहा है। जस्टिस नज्मी वजीरी ने यह आदेश उस याचिका पर दिया है जिसमें कहा गया है कि सरकार के आग्रह के बाद भी डीएसएसएसबी ने अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इनमें से 11,139 पदों को भरने के लिए आग्रह पत्र मार्च, 2020 में ही बोर्ड को भेजे गए थे जबकि बाकी पदों के लिए जनवरी, 2021 में आग्रह भेजे गए। 

न्यायालय ने डीएसएसएसबी अध्यक्ष से मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च से पहले जवाब देने को कहा है। साथ ही यह भी बताने के लिए कहा है कि भर्ती के लिए विज्ञापन कब तक जारी किएं जाएंगे। याचिका में डीएसएसएसबी को शिक्षकों की बहाली के लिए तत्काल विज्ञापन जारी करने का आदेश देने की मांग की गई है। गैर सरकारी संगठन सोशल ज्यूरिस्ट की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने याचिका में कहा है कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल 18 मार्च को 11,139 और 21 जनवरी, 2021 को 926 शिक्षकों के खाली पदों (कुल 12,165 पद) को भरने के लिए डीएसएसएसबी को आग्रह पत्र भेजा था। लेकिन, बोर्ड भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए कोई समुचित कदम नहीं उठा रहा है। 

क्यों नहीं भरे जा रहे प्रिंसिपल के पद, सरकार से मांगा जवाब
उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी कर यह बताने के लिए कहा है कि वह अपने स्कूलों में प्राचार्य के खाली पदों को क्यों नहीं भर रही है। न्यायालय ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में प्राचार्य के 77 फीसदी पद खाली हैं और यह गंभीर चिंता का विषय है। न्यायालय ने सरकार को यह बताने के लिए कहा है कि प्राचार्य के पदों को भरने के लिए क्या कदम उठा रही है, इस बारे में विस्तार से बताएं। यह आदेश तब दिया गया जब अधिवक्ता अग्रवाल ने कहा कि प्राचार्य के कुल स्वीकृत 745 में सिर्फ 215 प्राचार्य अभी स्कूल में हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से भी काफी संख्या में प्राचार्य के बजाए अन्य कामों में लगाए गए हैं।

20 साल बाद भी आदेश का पालन नहीं
अधिवक्ता अग्रवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 2001 में उच्च न्यायालय ने सरकार और नगर निगम के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने का निर्देश दिया था। उन्होंने न्यायालय को बताया है कि 20 साल पुराने फैसले के हिसाब से हर साल अप्रैल में सरकार और नगर निगम के स्कूलों में रिक्त पदों की संख्या शून्य होनी चाहिए। याचिका के अनुसार मौजूदा समय में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 35 हजार और नगर निगम के स्कूलों में पांच हजार पद खाली हैं।

40 हजार पद रिक्त पड़े
उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में कहा गया है कि शिक्षकों की कमी के चलते समाज के कमजोर तबके के लाखों बच्चों को समुचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी और निगम स्कूलों में शिक्षकों के 40 हजार पद रिक्त होने के चलते 23 लाख बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।

नंबर गेम
- 12,165 शिक्षकों की भर्ती के लिए आग्रह पत्र भेजा था सरकार ने
- 11,139 पदों को भरने के लिए मार्च 2020 में बोर्ड को आग्रह पत्र भेजे गए थे

10 लाख छात्र इंतजार में
दिल्ली सरकार के आग्रह पर डीएसएसएसबी ने पिछले साल 5003 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए 10 लाख प्रतियोगी छात्रों ने इन पदों के लिए आवेदन किया। विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते डीएसएसएसबी ने इन पदों के लिए होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दीं। फरवरी में डीएसएसएसबी ने उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा कि इन पदों को भरने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से अनुमति मिल गई है और जल्द ही परीक्षा आयोजित की जाएगी। अधिवक्ता अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि न्यायालय में हलफनामा दाखिल करने के बाद भी बोर्ड ने परीक्षा आयोजित करने के लिए समुचित कदम नहीं उठाया है।

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