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DSSSB Recruitment 2019: प्रतीक्षा सूची के करीब 670 उम्मीदवार बन सकेंगे शिक्षक

DSSSB Teacher Recruitment 2019: सरकारी और नगर निगम के स्कूलों के लिए 2019 में पूरी हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में प्रतीक्षा सूची के 670 सफल उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी है। उन्हें शिक्षक बनने का जल्द...

DSSSB Recruitment 2019: प्रतीक्षा सूची के करीब 670 उम्मीदवार बन सकेंगे शिक्षक
प्रभात कुमार,नई दिल्लीSun, 21 Mar 2021 05:32 PM
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DSSSB Teacher Recruitment 2019: सरकारी और नगर निगम के स्कूलों के लिए 2019 में पूरी हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में प्रतीक्षा सूची के 670 सफल उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी है। उन्हें शिक्षक बनने का जल्द ही मौका मिल सकता है।

दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में कहा है कि 31 दिसंबर, 2020 तक शिक्षा निदेशालय और नगर निगमों द्वारा लौटाए गए पदों (डोजियर) पर प्रतीक्षा सूची के सफल उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाएगी। इससे प्रतीक्षा सूची के सैकड़ों उम्मीदवारों को जल्द ही शिक्षक बनने का सपना पूरा होगा। न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस एल एन रेड्डी की अगुवाई वाली पीठ ने डीएसएसएसबी द्वारा दाखिल हलफनामे को स्वीकार कर लिया है। साथ ही नियुक्ति की मांग को लेकर प्रतीक्षा सूची में शामिल सफल उम्मीदवारों की ओर से दाखिल अवमानना याचिकाओं का निपटारा कर दिया। पीठ ने इसके साथ ही डीएसएसएसबी को अपने बयान के मुताबिक जल्द ही खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।

डीएसएसएसबी ने पीठ को बताया कि प्रतिक्षा सूची की वैधता 31 मई, 2020 के बजाए 31 दिसंबर, 2020 तक कर दी गई है। डीएसएसएसबी ने प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार रीना दहिया एवं अन्य की ओर से अधिवक्ता अनुज अग्रवाल द्वारा दाखिल याचिका के जवाब में न्यायाधिकरण में यह हलफनामा दाखिल किया। ‌अधिवक्ता अग्रवाल ने पीठ को बताया कि अक्तूबर, 2020 के उसके आदेश का पालन नहीं किया गया। इस आदेश में न्यायाधिकरण ने प्रतीक्षा सूची की वैधता बढ़ाने से इनकार कर दिया था, लेकिन डीएसएसएसबी से कहा था कि यदि यूजर डिपार्टमेंट (शिक्षा निदेशालय और नगर निगम) चाहता है तो वह तय समय के बाद भी प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए समुचित कदम उठाएं। अधिवक्ता अनुज अग्रवाल ने पीठ को बताया कि यूजर डिपार्टमेंट के आग्रह के बाद डीएसएसएसबी ने आदेश का पालन करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

यह मामला है
सरकारी और निगम स्कूलों के लिए 2017 और 2018 में डीएसएसएसबी ने बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। वर्ष 2019 में डीएसएसएसबी ने इस भर्ती प्रक्रिया का परिणाम घोषित करते हुए चयनित उम्मीदवारों के साथ-साथ प्रतीक्षा सूची में शामिल सफल उम्मीदवारों की सूची जारी की। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद डीएसएसएसबी ने नियुक्ति के लिए चयनित उम्मीदवारों का डोजियर शिक्षा निदेशालय और नगर निगमों को भेज दिया। साथ ही कहा कि प्रतीक्षा सूची की वैधता एक साल यानी 31 मई, 2020 तक मान्य रहेगी।

नहीं मिली नियुक्ति
न्यायाधिकरण में दाखिल याचिका में अधिवक्ता अग्रवाल ने कहा कि सीटें खाली रहने के बावजूद डीएसएसएसबी ने प्रतीक्षा सूची के उम्मीवारों की नियुक्ति नहीं की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामरी के चलते मार्च, 2020 में लॉकडाउन लग जाने से सभी महकमे यहां तक की डीएसएसएसबी खुद बंद रहा। लेकिन, आग्रह के बाद भी प्रतीक्षा सूची की अवधि को नहीं बढ़ाया। इस बीच शिक्षा निदेशालय और नगर निगमों ने पदभार नहीं संभालने वाले चयनित उम्मीदवारों का डोजियर डीएसएसएसबी को लौटा दिया। अग्रवाल ने कहा कि इस वजह से सीटें खाली रह गईं लेकिन डीएसएसएसबी ने प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों का डोजियर नियुक्ति के लिए शिक्षा निदेशालय और नगर निगमों को नहीं भेजा।

सरकारी स्कूलों में 450 सीटें
अधिवक्ता अनुज अग्रवाल ने बताया कि सरकारी और नगर निगम के स्कूलों में करीब 670 शिक्षकों के डोजियर लौटाए गए यानी इतने पद खाली रह गए। सरकारी स्कूलों में करीब 450 सीटें जबकि नगर निगम के स्कूलों में 220 सीटें खाली हैं। इन पदों पर प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों से नियुक्ति होगी।

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