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नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम पर दिल्ली विश्वविद्यालय ने सुझाव मांगे

डीयू में नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रम का प्रारूप डीयू ने जारी कर दिया है। यही नहीं विश्वविद्यालय ने एक गूगल फॉर्म भी जारी किया है जिस पर लोगों ने उनकी राय मांगी है। इसमें सभी हितधारक...

नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम पर दिल्ली विश्वविद्यालय ने सुझाव मांगे
प्रमुख संवाददाता,नई दिल्लीSat, 22 Jan 2022 09:00 PM

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डीयू में नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रम का प्रारूप डीयू ने जारी कर दिया है। यही नहीं विश्वविद्यालय ने एक गूगल फॉर्म भी जारी किया है जिस पर लोगों ने उनकी राय मांगी है।

इसमें सभी हितधारक शामिल हैं। इसे डीयू की वेबसाइट पर भी डाला गया है। डीयू ने कहा है कि शिक्षक, अभिभावक, छात्र सब इसके बारे में अपनी राय 30 जनवरी रात 11:59 बजे तक भेज सकते हैं। हालांकि, इसका शिक्षक संगठनों ने विरोध किया है। लेकिन डीयू में कई शिक्षक इसके समर्थन में भी हैं। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की सचिव आभा देव हबीब के अलावा देव कुमार व अन्य लोगों ने इस पर अपनी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत जारी प्रारूप में पढ़ाई का समय, क्रेडिट, वर्कलोड सहित कई चीजें प्रभावित हो रही हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। यही नहीं यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि इस प्रारूप को कार्यकारी परिषद में बिना पास किए लाया जा रहा है।

हालांकि, डीयू में राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. संगीत रागी का कहना है कि नई शिक्षा नीति इस राष्ट्र के लिए बहुत आवश्यक है। डूटा या शिक्षकों का विरोध नकारात्मक है। यह शिक्षा व्यवस्था के पक्ष में नहीं है। यह शिक्षा के लिए नौकरी नहीं बल्कि नौकरी के लिए शिक्षा व्यवस्था चाहते हैं। इनकी चिंता नौकरी की है शिक्षा की नहीं है। यह देश का दुर्भाग्य है। नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई की शुरुआत डीयू में हुई थी, दुर्भाग्यवश इसे समाप्त कर दिया गया। समय की यह फिर मांग है कि डूटा व शिक्षक समुदाय, छात्र और इस राष्ट्र के हितों को ध्यान में रखकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार की कोशिश को आगे बढ़ाएं।

नई शिक्षा नीति के मसौदे में प्रमुख बातें
- एक क्रेडिट कोर्स के लिए घंटों का निर्धारण व्याख्यान, प्रयोगात्मक कार्य व शिक्षण से होगा

- छात्र के पास पढ़ाई के कई विकल्प होंगे। विज्ञान में रुचि का छात्र भी संगीत की पढ़ाई कर सकेगा
- किसी कारण छात्र की पढ़ाई यदि छूट गई है तो वह बाद में पढ़ाई कर सकेगा

- द्वितीय सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने पर वह सर्टिफिकेट की डिग्री पाएगा
- चतुर्थ सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने पर वह डिप्लोमा की डिग्री पाएगा

- छठें सेमेस्टर तक पढ़ने पर संबंधित कोर्स में स्नातक की डिग्री पाएगा
- आठवें सेमेस्टेर की पढ़ाई करने के बाद उसे ऑनर्स की डिग्री मिलेगी


ये आशंकाएं
- शिक्षकों का कहना है कि इससे शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा

- क्रेडिट सिस्टम होने से गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई प्रभावित होगी
- ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा

- वर्कलोड कम होगा इससे शिक्षकों की नौकरी जाएगी
- स्थायी शिक्षक न रखकर संविदा पर शिक्षक रखे जाएंगे

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