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सख्ती: स्कूल की झूठी दलील पर दो लाख रुपये का जुर्माना

दिल्ली स्कूल ट्रिब्यूनल ने झूठी दलील देने पर महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल, नरेला प्रबंधन के खिलाफ दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ट्रिब्यूनल ने स्कूल से निकाले गए एक शिक्षक को बहाल करने का आदेश...

सख्ती: स्कूल की झूठी दलील पर दो लाख रुपये का जुर्माना
प्रभात कुमार,नई दिल्लीSun, 08 Nov 2020 11:59 AM
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दिल्ली स्कूल ट्रिब्यूनल ने झूठी दलील देने पर महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल, नरेला प्रबंधन के खिलाफ दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ट्रिब्यूनल ने स्कूल से निकाले गए एक शिक्षक को बहाल करने का आदेश दिया था, लेकिन प्रबंधन ने पहले तो कहा कि संबंधित दस्तावेज जल गए और फिर समीक्षा याचिका दाखिल कर खुद ही उक्त दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए। गलत तथ्यों के आधार पर समीक्षा याचिका दाखिल करने को गंभीरता से लेते हुए ट्रिब्यूनल ने जुर्माना लगाया है।

ट्रिब्यूनल के पीठासीन अधिकारी दिलबाग सिंह पुनिया ने अपने आदेश में कहा कि उनके पास स्कूल पर पांच लाख से अधिक जुर्माना लगाने का अधिकार है, लेकिन फिलहाल दो लाख का ही जुर्माना लगा रहे हैं। ट्रिब्यूनल ने 13 अक्टूबर को पारित आदेश में महाराज अग्रसेन पब्लिक स्कूल, नरेला को एक लाख रुपये दिल्ली उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति और एक लाख रुपये उच्च न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र ‘समाधान’ के कोष में जमा करने को कहा। 

यह है मामला-

स्कूल प्रबंधन ने वर्ष 2017 में अपने एक शिक्षक राजेश माहेश्वरी की सेवा समाप्त कर दी थी। शिक्षक की अपील पर ट्रिब्यूनल ने वर्ष 2018 में स्कूल प्रबंधन को उन्हें दोबारा बहाल करने का निर्देश दिया। स्कूल प्रबंधन ने आदेश पर अमल करने के बजाय समीक्षा याचिका दाखिल कर ट्रिब्यूनल से दोबारा मामले पर विचार करने का आग्रह किया। लेकिन, समीक्षा याचिका में प्रबंधन ने कहा कि वह राजेश माहेश्वरी की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज पेश नहीं कर पाया था क्योंकि पूर्व उपप्राचार्य ने उसे जला दिया था। शिक्षक के अधिवक्ता शिखा बग्गा ने ट्रिब्यूनल से कहा कि जब दस्तावेज जला दिए गए थे तो स्कूल के पास कहां से आ गए। इतना ही नहीं, किस भी दस्तावेज में जलने का निशान तक नहीं है।

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