दिल्ली नर्सरी एडमिशन 2021: प्रतिबंधित 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर दाखिला दे रहे स्कूल
Delhi Nursery Admission 2021: राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 की प्री प्राइमरी और नर्सरी कक्षाओं में दाखिला के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके साथ ही निजी...
Delhi Nursery Admission 2021: राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 की प्री प्राइमरी और नर्सरी कक्षाओं में दाखिला के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके साथ ही निजी स्कूलों ने दाखिला के लिए मानदंड भी सार्वजनिक कर दिए हैं। जिसके तहत कई स्कूल प्रतिबंधित मानदंडों के आधार पर बच्चों को दाखिला दे रहे हैं। जिसके कुछ स्कूलों ने पूरी आवेदन प्रक्रिया प्रतिबंधित ''पहले आओ-पहले पाओ'' के आधार पर निर्धारित कर दी है। तो वहीं कुछ स्कूल खुली सीटों में मैनेजमेंट कोटे की सीटें आरक्षित कर रहे हैं।
पहले आओ-पहले पाओ जैसे 50 मानदंड दिल्ली उच्च न्यायालय ने किए हैं प्रतिबंधित
नर्सरी दाखिला के लिए पहले आओ-पहले पाओ जैसे 50 मानदंड दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रतिबंधित किए हुए हैं। नर्सरी दाखिला विशेषज्ञ सुमित वोहरा के मुताबिक दिल्ली उच्च न्यायालय की तरफ से प्रतिबंधित करने के बाद भी राजेद्र नगर स्थित जीडी सलवान पब्लिक स्कूल पूरी दाखिला प्रक्रिया पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर आयोजित कर रहा है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय आवेदन प्रक्रिया शुरू करने से पहले दिशा-निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन इसके बाद भी प्रतिबंधित मानदंड के आधार पर आवेदन प्रक्रिया आयोजित करनाा पूरी तरह से गैरवाजिब है। इससे दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह से संदेह के घेरे में आ गई है, तो वहीं अभिभावक चिंतित हैं कि आवेदन के बाद भी उनके बच्चे का दाखिला ऐसे स्कूल में होगा या नहीं।
स्टॉफ के लिए सीटें आरक्षित करने के बाद भी मैनेजमेंट कोटा लगा रहे हैं स्कूल
दिल्ली उच्च न्यायलय ने अपने एक फैसले में खुली सीटों के लिए प्रबंधन कोटे की सीटों आरक्षित करने पर भी रोक लगाई है, लेकिन इसके बाद भी स्कूल सीटें आरक्षित कर रहे हैं। नर्सरी दाखिला विशेषज्ञ सुमित वोहरा के मुताबिक उच्च न्यायालय ने स्टॉफ कोटे के लिए सीट आरक्षित करने को वैद्य माना है, जिसे ही मैनेजमेंट कोटा कहा जाता है, लेकिन कई स्कूल इन दोनों कोटों के लिए अलग-अलग सीटें आरक्षित कर रहे हैं। जिसमें बाल भारती पब्लिक स्कूल की कई शाखा प्रमुख हैं। स्कूलों की तरह से ऐसे सीटें आरक्षित किए जाने से सामान्य श्रेणी के बच्चों के लिए सीटें कम होंगी। यह प्रतिबंधित है। जिसके खिलाफ शिक्षा निदेशालय को कार्रवाई करनी होगी।
स्कूल बस का विकल्प चुनने पर भी अंक दे रहे स्कूल
शिक्षा निदेशालय की तरफ से निर्देश जारी करने के बाद भी निजी स्कूल दाखिला के लिए प्रतिबंधित मानदंड अपना रहे हैं। दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम के मुताबिक सेंट थामस द्वारका समेत कई स्कूल आवेदन के दौरान स्कूल बस का विकल्प चुनने पर 10 अंक देने का वायदा कर रहे हैं। स्कूलों ने इसे अपने मानदंड का हिस्सा बनाया है। इस तरह के मानदंड प्रतिबंधित हैं, लेकिन स्कूलों की तरफ से यह मानदंड अपनाए जा रहे हैें।