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दिल्ली सरकार का फैसला, स्कूलों में नहीं होगी 8वीं कक्षा तक के बच्चों की परीक्षा, असाइनमेंट से किया जाएगा पास

दिल्ली सरकार के स्कूलों में इस बार भी 8वीं कक्षा तक के बच्चों की परीक्षा नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से स्कूलों के...

दिल्ली सरकार का फैसला, स्कूलों में नहीं होगी 8वीं कक्षा तक के बच्चों की परीक्षा, असाइनमेंट से किया जाएगा पास
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 24 Feb 2021 08:46 PM
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दिल्ली सरकार के स्कूलों में इस बार भी 8वीं कक्षा तक के बच्चों की परीक्षा नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से स्कूलों के लिए दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए कोई ऑफलाइन परीक्षा नहीं होगी। छात्रों का मूल्यांकन 'वर्कशीट' और 'असाइनमेंट ' के आधार पर होगा। जिन छात्रों के पास डिजिटल माध्यम की सुविधा नहीं हैं, उनके अभिभावकों को बुलाकर असाइनमेंट दिया जाए। 

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि नर्सरी से दूसरी कक्षा तक के बच्चे अगली कक्षा में प्रमोट किए जाएंगे। केजी से दूसरी कक्षा तक के बच्चों को उनके सर्दियों की छुट्टियों के असाइनमेंट और कोरोना महामारी के दौरान किए गए ऑनलाइन/ऑफलाइन वर्कशीट के आधार पर ग्रेड/मार्क्स दिए जाएं। 

दिल्ली में शिक्षा विभाग की अवर निदेशक रीता शर्मा ने बताया, 'चूंकि प्राइमरी और मिडिल स्तर पर कक्षाओं में कोई पढ़ाई नहीं हुई है, ऐसे में सामान्य परीक्षाओं की जगह विषयवार प्रोजेक्ट और असाइनमेंट के माध्यम से तीसरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन किया जाए।'

दिशानिर्देश के अनुसार, तीसरी से पांचवीं कक्षा तक वर्कशीट पर 30 अंक, सर्दियों की छुट्टियों में दिए गए असाइनमेंट पर 30 अंक और एक से 15 मार्च के बीच दिए जाने वाले प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पर 40 अंक दिए जाएंगे।

इसी तरह छठवीं से आठवीं कक्षा तक के लिए वर्कशीट पर 20 अंक, सर्दियों की छुट्टियों में दिए गए असाइनमेंट पर 30 अंक और एक से 15 मार्च के बीच दिए जाने वाले प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पर 50 अंक दिए जाएंगे।

शर्मा ने कहा, ''अगर किसी छात्र के पास डिजिटल डिवाइस (मोबाइल/लैपटॉप) और इंटरनेट नहीं है तो कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ऐसे बच्चों के माता-पिता को स्कूल बुलाकर उन्हें प्रोजेक्ट और असाइनमेंट की हार्ड कॉपी दी जाएगी।''

निदेशालय  ने कहा, 'इस मूल्यांकन का उद्देश्य वैकल्पिक पठन-पाठन के तरीके के प्रभाव को समझना है। साथ ही मूल्यांकन से प्राप्त जानकारी अगले सत्र में पाठ्यक्रम सामग्री तैयार करने और पठन-पाठन की रणनीतियां तैयार करने में मददगार होंगी।'

गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी के कारण कई महीनों तक स्कूल बंद रहे। फरवरी माह में 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई। अकादमिक वर्ष में ज्यादातर समय बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं चलीं। 

कोरोना के चलते पिछले साल नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया था।

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