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छह क्लर्कों की भर्ती में 1 करोड़ की डील, कई अभ्यर्थियों की कॉपी परीक्षा नियंत्रक ने लिखी

रक्षा मंत्रालय के अधीन छह क्लकों के भर्ती घोटाले में सीबीआई ने कर्नल को क्लीन चिट दे दी है। परीक्षा बोर्ड में शामिल दो अन्य अधिकारियों को भी राहत दी है। जांच में खुलासा हुआ कि छह में से तीन पदों पर...

छह क्लर्कों की भर्ती में 1 करोड़ की डील, कई अभ्यर्थियों की कॉपी परीक्षा नियंत्रक ने लिखी
प्रमुख संवाददाता,कानपुरTue, 19 Jan 2021 11:01 AM
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रक्षा मंत्रालय के अधीन छह क्लकों के भर्ती घोटाले में सीबीआई ने कर्नल को क्लीन चिट दे दी है। परीक्षा बोर्ड में शामिल दो अन्य अधिकारियों को भी राहत दी है। जांच में खुलासा हुआ कि छह में से तीन पदों पर सगे-संबंधियों की भर्ती की गई। परीक्षा बोर्ड के मुख्य पीठासीन अधिकारी ही सबसे बड़े खलनायक निकले, जिन्होंने अपने हाथों से कॉपियों को न केवल ठीक किया बल्कि नंबर भी बढ़ा दिए। घोटाले में करीब एक करोड़ रुपए की डील हुई है।

छह क्लर्कों के भर्ती घोटाले को लेकर सीबीआई ने क्लास वन अधिकारी डिप्टी कंट्रोलर और परीक्षा बोर्ड के पीठासीन अधिकारी संतोष कुमार तिवारी, एसएसओ सुनील कुमार व मोहम्मद आलिम, ज्वाइंट कंट्रोलर कर्नल एके गांधी के खिलाफ जांच शुरू की थी। जांच में खुलासा हुआ कि डीजीक्यूए में लोअर डिविजन क्लर्क के चार पदों के लिए विज्ञापन निकाले गए। बाद में इन पदों को बढ़ाकर छह कर दिया गया।

जिनमें से 3 सामान्य श्रेणी, 1 ओबीसी, 1 एससी-एसटी और दिव्यांग श्रेणी के लिए आरक्षित था। मात्र 6 पदों के लिए 4181 लोगों ने आवेदन किया, जिनमें से 952 को लिखित परीक्षा के लिए चुना गया। परीक्षा के लिए एक कमेटी गठित की गई। 26 जून को आयोजित लिखित परीक्षा 517 अभ्यर्थियों ने दी। परीक्षकों ने  कॉपियां जमाकर बिना सील किए ही डॉ. संतोष कुमार तिवारी को सौंप दीं।

अकेले ही जांच दीं कॉपियां-

जांच में खुलासा हुआ कि पीठासीन अधिकारी ने कमरे में कॉपियों का मूल्याकंन किया और वैज्ञानिक नेहा अग्रवाल को कोई सूचना नहीं दी। पाए हुए सभी छह अभ्यर्थियों के उन्होंने 3-11 नवंबर तक बढ़ाए। इतना ही नहीं, दिव्यांग कोटे से भर्ती अर्पित सिंह ने दिव्यांग सर्टिफिकेट ही जमा नहीं किया।

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