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D Pharma Course : फॉर्मेसी परीक्षा में 98 फीसदी छात्र फेल, 3274 परीक्षार्थियों में सिर्फ 58 सफल

राज्य में डी फार्मा के लिए आयोजित हुई पहले वर्ष की फार्मेसी की परीक्षा में सिर्फ 58 विद्यार्थी ही विषयवार पास हुए हैं। इस परीक्षा में राज्य के कुल 52 निजी फार्मेसी कॉलेजों के 3274 परीक्षार्थी शामिल हु

D Pharma Course : फॉर्मेसी परीक्षा में 98 फीसदी छात्र फेल, 3274 परीक्षार्थियों में सिर्फ 58 सफल
Alakha Singhसंवाददाता,रांचीTue, 24 Jan 2023 07:54 PM

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राज्य में डी फार्मा के लिए आयोजित हुई पहले वर्ष की फार्मेसी की परीक्षा में सिर्फ 58 विद्यार्थी ही विषयवार पास हुए हैं। इस परीक्षा में राज्य के कुल 52 निजी फार्मेसी कॉलेजों के 3274 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। जबकि करीब 200 ऐसे परीक्षार्थी हैं जो एक या दो विषयों में फेल हुए हैं। उन्हें प्रोमोट किया गया है। यह परीक्षा स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में डी फार्मा परीक्षा कमिटी की ने आयोजित थी। इससे पहले दूसरे वर्ष के भी 90 फीसदी से अधिक छात्र फेल हो गए थे। बता दें कि इससे पहले तक हुई परीक्षाओं में फार्मेसी के 99 फीसदी विद्यार्थी सफल हो जाते थे। फेल हुए विद्यार्थियों को राहत देते हुए परीक्षा कमिटी ने निर्णय लिया है कि जल्द ही पूरक (सप्लीमेंट्री) परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके जल्द ही फॉर्म भरने की तारीख तय की जाएगी। दूसरे वर्ष में फेल हुए परीक्षार्थियों का फॉर्म भी भरा जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव चन्दन कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए पढ़ाई जारी रखनी चाहिए। बिना पढ़े पास होना मुश्किल है।

दूसरे राज्य भेजकर कॉपी की जांच कराई गई
बता दें कि इस बार परीक्षा के लिए चार-चार सेट में सवाल तैयार किए गए थे। सवालों को फार्मा के विशेषज्ञ शिक्षकों ने तैयार किया था। सवाल विभाग ने अपने स्तर से ही प्रिंट कराया था। परीक्षा केंद्र में ही सीधे प्रश्नपत्र पहुंचाये गये थे। वहीं परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका दूसरे राज्य भेजकर जांच करायी गयी थी। माना जा रहा है कि इस सख्ती की वजह से किसी तरह की धांधली नहीं हो पाई और अधिकतर विद्यार्थी फेल हो गए।

पहले की परीक्षाओं में आ रही थी धांधली की शिकायत
बता दें कि इससे पहले की हुई परीक्षाओं में लगातार धांधली की शिकायत आती रही थी। कई बार प्रश्नपत्र भी लीक होने की शिकायत आई थी। वहीं इससे पहले हुई अधिकतर परीक्षाओं में 99 फीसदी से अधिक छात्र विषयवार पास हो जाते थे। लगातार शिकायत के बाद पहली बार परीक्षा विभागीय नियंत्रण में करायी जा रही है। विभागीय नियंत्रण में दो बार परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें गिनती भर छात्र ही विषयवार पास हुए हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
वैसे छात्र ही पास हुए हैं जिन्होंने पढ़ाई की थी। जिन्होंने पढ़ाई नहीं की वे फेल हो गए हैं। जल्द ही छात्रों के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा का आयोजन कर उन्हें पास होने का मौका दिया जाएगा।-चंदन कुमार, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य विभाग

स्वर्णरेखा फॉर्मेसी कॉलेज के प्राचार्य विद्यासागर ने कहा कि कॉपी करेक्शन सही नहीं हुआ है। रिजल्ट से छात्रों के साथ मैं भी असंतुष्ट हूं। कॉपी रिचेक कराने के लिए परीक्षा कमिटी के चेयरमैन से मिलूंगा। आज तक इतना खराब रिजल्ट नहीं हुआ है। कई छात्रों को जीरो नंबर मिले हैं, ऐसा नहीं हो सकता।-, 

टीला फॉर्मेसी कॉलेज रामगढ़ के प्राचार्य विनय महतो ने कहा कि परीक्षा फेयर नहीं हुई है। परीक्षार्थियों को परीक्षा हॉल में मेंटल टॉर्चर भी किया गया है। परीक्षा कमिटी जान बूझकर प्राइवेट कॉलेज को परेशान कर रही है। मैं दावा कर सकता हूं कि हमारे कॉलेज के 36 बच्चे जरूर पास करेंगे।