CUET से राहत देने से केंद्रीय शिक्षा मंत्री का इनकार, नॉन नेट Phd वालों ने की 15,000 रु फेलोशिप की मांग
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों से संबद्ध निजी शिक्षण संस्थानों को केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) से रियायत देने से इनकार कर दिया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों से संबद्ध निजी शिक्षण संस्थानों को केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) से रियायत देने से इनकार कर दिया। मंगलवार को इस मुद्दे पर मुलाकात को आए निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों से प्रधान ने कहा कि यदि वो चाहें तो केंद्रीय विवि से हटकर राज्य विवि से संबद्धता ले सकते हैं। यही उचित भी रहेगा।
राज्य में पिछले दो साल से सीयूईटी का मुद्दा काफी गंभीर बना हुआ है। सीयूईटी में सफल न हो पाने की वजह से हजारों छात्र एडमिशन से वंचित रह गए हैं। हालांकि छात्रों के दबाव के बाद केंद्रीय विवि के विद्या परिषद और कार्यपरिषद ने इस वर्ष मेरिट के आधार पर एडमिशन देने का निर्णय ले लिया है। केंद्रीय मंत्री के जवाब के बाद निजी कॉलेज अब केंद्रीय विवि से नाता तोड़कर राज्य विवि से जुड़ने को तैयार हो गए हैं। एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस्ड इंस्टीट्यूटस उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ.सुनील अग्रवाल का कहना है कि ज्यादातर कालेज 15 वर्ष से ज्यादा पुराने हैं। इसलिए बिना औपचारिकताओं के सभी कॉलेजों को राज्य विवि में सीधे ट्रांसफर की व्यवस्था होनी चाहिए। इस दौरान वहां मौजूद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एसोसिएशन को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया । उन्होंने उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगौली को संबद्धता की व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए।
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छात्र बोले,शोध छात्रों की फेलोशिप 15 हजार की जाए
एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि छात्र संघ के प्रतिनिधिमंडल ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने छात्रों की विभिन्न मांगों को रखते हुए नॉन नेट पीएचडी के शोध छात्रों की फेलोशिप बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति महीना करने की मांग की। छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव मोहन सिंह नेगी ने सीयूईटी की वजह से एडमिशन में आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए भविष्य के लिए ठोस नीति बनाने की गुजारिश भी की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
