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CTET पहले की तरह 20 भाषाओं में होगा, एचआरडी मंत्री ने CBSE को दिया आदेश

केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) पहले की तरह 20 भाषाओं में ही होगी।  केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने परीक्षा का आयोजन कराने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड...

CTET पहले की तरह 20 भाषाओं में होगा, एचआरडी मंत्री ने CBSE को दिया आदेश
विशेष संवाददाता ,नई दिल्लीTue, 19 Jun 2018 07:00 AM
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केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) पहले की तरह 20 भाषाओं में ही होगी।  केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने परीक्षा का आयोजन कराने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। सितंबर में होने वाली परीक्षा के लिए सीबीएसई ने अपनी अधिसूचना में तीन भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत  को स्थान दिया था। 

एनडीए सरकार के चार साल पूरे होने पर अपने मंत्रालय का उपलब्धियां बताने के लिए आयोजित प्रेसवार्ता में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीटेट परीक्षा पहले की तरह ही सभी भारतीय भाषाओं में ली जाएगी। मैंने सीबीएसई को उसी तरह सभी 20 भाषाओं में यह परीक्षा लेने का आदेश दिया है, जिस तरह पहले यह परीक्षा ली जाती थी। उन्होंने कहा कि सीटेट की परीक्षा अंग्रेजी, हिन्दी, बांग्ला, उड़िया, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, मराठी, असमिया, गारो, खासी, मणिपुरी, मिजो, नेपाली, तिब्बती और उर्दू में ली जाएगी। मालूम हो, 17 भाषाओं को सीटेट के लिए विकल्प की सूची से हटाने के कारण सीबीएसई के फैसले की आलोचना हो रही थी। 

द्रमुक नेता कनिमोझी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि छात्र अपनी मातृभाषा पढ़ने के बजाय हिंदी और संस्कृत पढ़ने के लिए बाध्य हैं। इससे पूरे देश में एक अन्य भाषा संघर्ष शुरू हो जाएगा। यह हिन्दी-हिन्दू-हिन्दुस्तान बनाने की भाजपा की एक और कोशिश है। 
सितंबर में होगी परीक्षा 

इस साल सीटेट परीक्षा 16 सितंबर 2018 को आयोजित हो रही है। परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है। इस परीक्षा से केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालयों के लिए प्राथमिक और उच्च कक्षाओं के लिए शिक्षकों की बहाली की जाती है। पिछली बार यह परीक्षा 18 सितंबर 2016 को हुई थी। इससे पहले यह परीक्षा हर साल दो बार आयोजित की जाती थी। पहली बार सीटेट परीक्षा 2011 में ली गई थी।

कोर्ट के आदेश के कारण रूकी केंद्रीय विवि में नियुक्तियां
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पड़े शिक्षकों के करीब 50 फीसदी पदों को भरने के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि हमने प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद विश्वविद्यालयों में रोस्टर प्रणाली में बदलाव आया  है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पांच मार्च को एक अधिसूचना भी जारी की है। सरकार ने इस संबंध में  एक विशेष अनुमति याचना दायर की है। हमारा  मानना है कि आरक्षित  पदों के लिए विश्वविद्यालय को इकाई माना जाए, न कि  कॉलेज या विभागों को इसलिए सरकार अदालत में दो जुलाई को सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखेगी।

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