इंटर कॉलेजों में अनुकंपा नियुक्ति नियमावली को इलहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती
एक व्यक्ति ने इंटर कॉलेज में प्रवक्त रहे अपने भाई के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति की मांग की थी। लेकिन डीआईओएस ने नियुक्ति नियमावली का हवाला देते हुए कहा था कि अविवाहित भाई को तभी नियुक्ति दी जा सकती है
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंटर कॉलेजों में अनुकंपा नियुक्ति की नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर एवं जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने प्रिंस कुमार की याचिका पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी को सुनकर दिया है।
प्रिंस कुमार अविवाहित है एवं उसके भाई अनिल कुमार रघुनंदन इंटर कॉलेज छर्रा अलीगढ़ में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत थे। दिसंबर 2022 में उनकी कॉलेज से घर वापस आते समय सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। याची के दिवंगत भाई की पत्नी की मृत्यु 2016 में ही हो चुकी है एवं याची के मृतक भाई का सात साल का एक बेटा है जो अभी नौकरी के लिए आवेदन की अर्हता नहीं रखता है। इसलिए याची को उसके दिवंगत भाई के स्थान पर प्रवक्ता के पद पर नौकरी दी जानी चाहिए। याची ने इसके लिए डीआईओएस अलीगढ़ को प्रत्यावेदन दिया लेकिन उसका प्रत्यावेदन इस आधार कर खारिज कर दिया गया कि इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट के अध्याय तीन के तहत बनाए गए रेगुलेशन 103 में यह प्रावधान है कि मृत कर्मचारी के अविवाहित भाई को तभी नौकरी दी जा सकती है, जब मृत कर्मचारी भी अविवाहित हो। याची ने मृत कर्मचारी के अविवाहित होने की शर्त को ही अनुच्छेद 14 एवं 16 के विपरीत होने के कारण असंवैधानिक घोषित करने एवं याची को उसके भाई के स्थान पर प्रवक्ता पद पर नियुक्ति के लिए याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
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