CCSU: बदल जाएगी प्री PhD कोर्सवर्क की मेरिट, सभी विषयों के परिणाम में बदलाव की उम्मीद
CCSU और कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए अभी तक जारी अधिकांश विषयों की प्री-पीएचडी कोर्स वर्क की मेरिट बदलने जा रही है। आरक्षण विवाद के बाद नई समिति के फॉर्मूले से मेरिट में बदलाव तय है।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस और संबद्ध कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए अभी तक जारी अधिकांश विषयों की प्री-पीएचडी कोर्स वर्क की मेरिट बदलने जा रही है। आरक्षण पर शुरू हुए विवाद के बाद नई समिति के फॉर्मूले से मेरिट में बदलाव तय है। समिति का इंटरव्यू में मिले नंबरों के आधार पर मेरिट तैयार करने का प्रस्ताव है। इससे कुछ छात्रों को बाहर जाना पड़ सकता है, जबकि कुछ मेरिट में आएंगे। समिति की सिफारिशों के आधार पर विवि आज पहली मेरिट जारी कर सकता है। समिति सूत्रों के अनुसार नेट-जेआरएफ, एमफिल और टेस्ट में सफल विद्यार्थियों को इंटरव्यू में मिले नंबरों से मेरिट तैयार करने पर सहमति बनी है। मेरिट के बाद कुछ विद्यार्थी कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।
नोटिफिकेशन में दो नियम
विवि के पीएचडी प्रवेश परीक्षा के नोटिफिकेशन में दो नियम दर्ज हैं। प्रक्रिया एवं प्रवेश के बिंदु नंबर तीन में स्पष्ट लिखा है कि कुल रिक्त सीटों की 60 फीसदी सीटें नेट, जेआरएफ विद्यार्थियों से भरी जाएंगी, जबकि 40 फीसदी सीटें प्रवेश परीक्षा से। बिंदु संख्या चार में इंटरव्यू-प्रवेश परीक्षा से मिले अंकों से मेरिट तैयार करने का प्रस्ताव है। समिति 60 और 40 फीसदी सीटों की सीमा तो रखेगी, लेकिन नेट-जेआरएफ की विशिष्टता खत्म करने को तैयार है। समिति का प्रस्ताव नेट-जेआरएफ के विद्यार्थियों की संयुक्त सूची इंटरव्यू से मिले अंकों के आधार पर बनाने की है। यूजीसी में जेआरएफ नेट से उच्च स्तर पर है, लेकिन समिति इससे सहमत नहीं है। विवि ने नेट-जेआरएफ दोनों को समकक्ष रखते हुए एक मेरिट बनाने का प्रस्ताव दिया है। इस नियम से होम साइंस, भूगोल और मॉस कम्युनिकेशन की मेरिट प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला ने जेआरएफ विद्यार्थियों को प्रवेश में प्राथमिकता देने की बात कही थी।
इंटरव्यू पर पहले ही उठ चुके हैं सवाल
विवि जिस इंटरव्यू को मेरिट का आधार बनाने जा रहा है, उस पर पहले ही सवाल उठ रहे हैं। मानविकी स्ट्रीम के एक विषय में छात्रों से इंटरव्यू में केवल स्नातक एवं स्नातकोत्तर करने के सवाल पूछे गए। रिसर्च प्रस्ताव पर कोई बात नहीं हुई। इस विषय में कई छात्र ऐसे हैं जिनको दिए गए अंक घेरे में हैं।
