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CBSE: 12वीं के मैथ्स में भी होगा 20 अंकों का इंटरनल असेसमेंट

CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों की क्रिएटिविटी बढ़ाने, उनमें तार्किक सोच विकसित करने और लर्निंग आउटकम को सुधारने के लिए छात्रों के मूल्यांकन के लिए अपनाई जाने वाली...

CBSE: 12वीं के मैथ्स में भी होगा 20 अंकों का इंटरनल असेसमेंट
हिन्दुस्तान डेस्क,नई दिल्ली। Sun, 10 Mar 2019 11:19 AM
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CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों की क्रिएटिविटी बढ़ाने, उनमें तार्किक सोच विकसित करने और लर्निंग आउटकम को सुधारने के लिए छात्रों के मूल्यांकन के लिए अपनाई जाने वाली मूल्यांकन प्रणाली को संशोधित किया है। इस संशोधित मूल्यांकन प्रणाली के तहत 12वीं कक्षा के सभी विषयों में छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन के तत्व जोड़े जाएंगे। 

अभी 12वीं में गणित, पोलिटिकल साइंस और लीगल स्टडीज जैसे कई विषयों में 100 अंकों की लिखित परीक्षा होती है। लेकिन इन प्रस्तावित योजना के तहत अगले सत्र से गणित और पोलिटिकल साइंस जैसे विषयों में भी कम से कम 20 अंकों का इंटरनल असेसमेंट यानी प्रैक्टिकल परीक्षा होगी। यानी बोर्ड एग्जाम में लिखित परीक्षा केवल 80 या उससे कम अंकों की होगी। इससे छात्रों की रचनात्मकता बढ़ाने के साथ उनके लर्निंग आउटकम में भी सुधार होगा। सीबीएसई इन प्रस्तावित बदलावों को अप्रैल में शुरू होने वाले आगामी शैक्षणिक सत्र यानी 2019-20 से लागू करेगा। 

25 फीसदी प्रश्न ऑब्जेक्टिव होंगे

प्रस्तावित योजना के अनुसार अगले साल से बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र में वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी पूछे जाएंगे। इस मामले से जुड़े सीबीएसई के अधिकारियों ने कहा कि अगले साल से 12वीं कक्षा के प्रश्नपत्र में कम से कम 25 फीसदी प्रश्न ऑब्जेक्टिव होंगे, जिनमें मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन शामिल होंगे। सब्जेक्टिव प्रश्नों की संख्या 75 फीसदी होगी। बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि सब्जेक्टिव प्रश्नों की संख्या कम की जीएगी ताकि छात्रों को विश्लेषणात्मक और रचनात्मक जवाब देने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। दसवीं के कई विषयों में सीबीएसई ने पहले ही 20 अंकों का मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन पूचने का प्रावधान किया हुआ है।

इस वजह से किया जा रहा बदलाव

छात्रों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में बदलाव करने की एक वजह केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 में पीसा (प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट) मे भाग लेने की घोषणा करना है। दूसरी वजह नेशनल असेसमेंट सर्वे 2017-18 में 10वीं के छात्रों का खराब प्रदर्शन है। नेशनल असेसमेंट सर्वे के रिपोर्ट कार्ड के अनुसार मैथ्स, साइंस, सोशल साइंस, इंग्लिश और आधुनिक भारतीय भाषाओं में दसवीं के छात्रों का प्रदर्शन (लर्निंग आउटकम) क्रमश: 52, 51, 53, 58 और 62 फीसदी था। हालांकि, इनमें राज्यों के शिक्षा बोर्ड के मुकाबले सीबीएसई के छात्रों का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर था। लेकिन उनमें और अधिक सुधार लाने के लिए सीबीएसई ने मूल्यांकन प्रणाली को संशोधित करने का फैसला लिया है। 

इसके अलावा सीबीएसई स्कूल आधारित आतंरिक मूल्यांकन को अधिक मजबूत बना रहा है। इसके तहत नौवीं से दसवीं और ग्याहरवीं से बारहवीं के प्रश्नपत्रों में कुछ बदलाव की तैयारी है। इसके अनुसार ग्याहरवीं-बारहवीं में 70 अंक से कम वाले पेपर हल करने के लिए दो घंटे मिलेंगे। नए बदलावों के क्रम में प्रश्नपत्रों में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ-साथ बहुविकल्पीय प्रश्न भी शामिल होंगे। सीबीएसई ने मूल्यांकन प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए विभिन्न हितधारकों से परामर्श लिया था, जिसमें बोर्ड को तमाम सुझाव मिले थे। 

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