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CBSE result 2020: सीबीएसई Assessment स्कीम कुछ स्टूडेंट्स के लिए चिंता तो कुछ के लिए राहत

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को  कोरोना वायरस महामारी के कारण 10वीं और 12वीं की जुलाई से होने वाली परीक्षाओं का रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अब स्टूडेंट्स को जुलाई में होने...

CBSE result  2020: सीबीएसई Assessment स्कीम कुछ स्टूडेंट्स के लिए चिंता तो कुछ के लिए राहत
कायनात सरफराज,नई दिल्लीMon, 29 Jun 2020 02:50 PM
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को  कोरोना वायरस महामारी के कारण 10वीं और 12वीं की जुलाई से होने वाली परीक्षाओं का रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अब स्टूडेंट्स को जुलाई में होने वाली परीक्षाओं के लिए मूल्यांकन योजना (असेसमेंट स्कीम) के तहत मार्क्स दिए जाएंगे। शुक्रवार को  सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे मंजूरी दे दी। पिछले साल सीबीएसई 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के नतीजे मई के महीने में जारी हो गए थे, वहीं इस बार कोविड-19 महामारी के कारण दो महीने के देरी हो गई, अब 15 जुलाई तक नतीजे जारी हो सकते हैं। 

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परीक्षा के नतीजों की बात करें तो जो स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित हुए थे, उन परीक्षाओं के नतीजे परीक्षा में उनकी पर्फोरमेंस के आधार पर दिए जाएंगे। वहीं जो स्टूडेंट्स तीन से ज्यादा परीक्षाओं में शामिल हुए थे उनके शेष परीक्षा के नतीजे भी उनके टॉप 3 परीक्षाओं के स्कोर के औसत स्कोर के आधार पर होंगे। जो स्टूडेंट्स सिर्फ तीन  परीक्षाओं में शामिल हुए थे, उनके शेष परीक्षाओं के नतीजे बेस्ट 2 के स्कोर के आधार केलकुलेट किए जाएंगे। इसके साथ ही बारहवीं के स्टूडेंट्स बाद में इंप्रूवमेंट परीक्षा दे सकेंगे। वही 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स का रिजल्ट रिवाइज्ड स्कीम के आधार पर ही दिया जाएगा। 

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12वीं क्लास की स्टूडेंट हेजल बाली की एक विषय की परीक्षा शेष रह गई थी। हेजल यूएस से कम्युनिकेशन मैनेजमेंट एंड डिजाइन की पढ़ाई की योजना बना रही है। हेजल का कहना है कि यह तो गलत है कि स्टूडेंट्स दूसरे पेपर में पर्फोरमेंस के आधार पर एक पेपर में भी अंक पाएंगे। यह स्टूडेंट्स के लिए मददगार नहीं है, क्योंकि स्टूडेंट्स कुछ खास विषयों पर ही पढ़ाई के दौरान फोकस करते हैं। 

सीबीएसई ने कोर्ट में बताया कि असेसमेंट स्कीम के तहत बोर्ड परीक्षा के पिछले तीन पेपरों के औसत मार्क्स के आधार पर नंबर दिए जाएंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो रद्द किए गए शेष पेपरों के मार्क्स उन पेपरों के एवरेज मार्क्स के आधार पर दिए जाएंगे जो पहले ही हो चुके हैं। असेसमेंट फॉर्मूले के तहत जिनके 3 से अधिक पेपर हो चुके हैं, उन्हें बेस्ट 3 के औसत अंकों पर बाकी सब्जेक्ट में नम्बर मिलेंगे। जिनके 3 पेपर हुए हैं, उन्हें बेस्ट 2 की औसत पर नम्बर मिलेंगे। इसके अलावा अगर हम देखें कि कुछ स्टूडेंट्स किसी एक विषय  सोश्योलॉजी में अच्छे हैं, वहीं वो दूसरे विषय में अच्छे नहीं हैं तो उन्हें इससे नुकसान होगा। 

हालांकि सभी स्टूडेंट्स इस स्कीम का विरोध नहीं कर रहे हैं। राहुल गुप्ता, विकासपुरी 12वीं क्लास के स्टूडेंट का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण यह अच्छा समाधान है, लेकिन जो स्टूडेंट्स अच्छा स्कोर करते थे, उनके लिए अच्छा नहीं है। लेकिन मेरे हिसाब से यह अच्छा समाधान है, क्योंकि मुझे होटल मैनेजमेंट करना है और सिर्फ औसत स्कोर ही चाहिए। 

12वीं के छात्र अगर चाहें तो बाद में परीक्षा में बैठकर सुधार सकते हैं प्रदर्शन
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि अपने स्कोर को सुधारने के लिए 12वीं के स्टूडेंट्स को ऑप्शनल एग्जाम में बैठने का अवसर दिया जाएगा। अगर 12वीं का स्टूडेंट्स ऑप्शनल परीक्षा में बैठता है, तो इसी परीक्षा के मार्क्स को फाइनल स्कोर माना जाएगा। उन्होंने कहा कि 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को सुधार परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। असेसमेंट स्कीम के तहत मिलने वाले अंक ही फाइनल माने जाएंगे।

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