ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News करियर CBSE Exam 2021: मई में 50 फीसदी पाठयक्रम के साथ बोर्ड परीक्षा कराने की मांग

CBSE Exam 2021: मई में 50 फीसदी पाठयक्रम के साथ बोर्ड परीक्षा कराने की मांग

कोरोना को लेकर मार्च से बंद चल रहे स्कूलों की वजह से पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। पढ़ाई के लिए बच्चे स्कूल नहीं जा सके, ऐसे में सरकारी और गैर सरकारी सभी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं, लेकिन इंटनेट,...

 CBSE Exam 2021: मई में 50 फीसदी पाठयक्रम के साथ बोर्ड परीक्षा कराने की मांग
कार्यालय संवाददाता,फरीदाबादSun, 22 Nov 2020 09:16 AM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना को लेकर मार्च से बंद चल रहे स्कूलों की वजह से पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। पढ़ाई के लिए बच्चे स्कूल नहीं जा सके, ऐसे में सरकारी और गैर सरकारी सभी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं, लेकिन इंटनेट, मोबाइल जैसे संसाधनों के अभाव में काफी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं कर सके। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के साथ यह दिक्कत ज्यादा रही। ऐसे हालात में सीबीएसई ने मॉडल पेपर जारी कर परीक्षा की घंटी बजा दी है। तो इसको लेकर अभिभावक, छात्र, शिक्षाविद, शिक्षा विशेषज्ञों की राय परीक्षा के पक्ष में तो है, लेकिन परीक्षा मई में आधे पाठयक्रम (50 फीसदी पाठयक्रम) के साथ कराने की मांग की जा रही है। परीक्षाओं को लेकर विभिन्न वर्ग के लोगों से बातचीत के बार यह बात सामने निकल कर आई है। पेश है रिपोर्ट

स्कूलों को खोलने की इजाजत दे सरकार 
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रधान रमेश डागर का कहना है कि बोर्ड की परीक्षा जरूरी हैं। इनको मार्च की बजाय मई में करवाया जाए साथ ही पाठयक्रम भी कम किया जाएग। इसके अलावा सबसे पहले स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाए ताकि बच्चों को बोर्ड की परीक्षा के लिए तैयार किया जा सके। लाकडाउन खुलने के बाद लोगों की आवाजाही बढ़ी है। बच्चों के अभिभावक भी बाजार या फिर काम पर जा रहे हैं। स्कूलों में भी पूरी सावधानी रखी जाएगी।

मई में होनी चाहिए परीक्षाएं
अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा का कहना है कि परीक्षाएं जरूरी होनी चाहिए, लेकिन कोरोना को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है, क्योंकि परीक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण जीवन है। जब कोरोना का संकट खत्म हो जाएगा तो परीक्षा बाद में भी करवाई जा सकती हैं। मंच की तरफ से सरकार को पत्र लिखकर कोरोना खत्म होने के बाद ही परीक्षा करवाने की मांग मंच की तरफ से रखी जा चुकी है।

जरूरी हिस्से को ही पाठयक्रम में शामिल किया जाए
शिक्षाविद सतीश फौगाट का कहना है कि बोर्ड की परीक्षाएं जरूरी हैं, लेकिन कोरोना की वजह से पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पाई है। ऑनलाइन से पढ़ाई की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ा है। बच्चों ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में सरकार को बोर्ड की परीक्षा के लिए पाठयक्रम कम करना चाहिए और जरूरी हिस्से के आधार पर ही आसान प्रश्न पत्र तैयार किए जाने चाहिए ताकि बच्चे उसे आसानी से कर सकें।

कोरोना खत्म होने की बाद परीक्षा होनी चाहिएं
अभिभावक रामकिशन ने बताया कि उनको पौता बाहरवीं कक्षा में पढ़ रहा है। कोरोना की वजह से इस बार वह स्कूल नहीं जा सके और जो आनालइन पढ़ाई स्कूल की तरफ से करवाई जा रही है, उससे पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पा रही है। ज्यादातर इंटरनेट की दिक्कत रहती है। जब अध्यापक पढ़ाते हैं तो वह जुड़ नहीं पाते हैं। ऐसा कई बार होता है और उस दिन बच्चा पढ़ नहीं पाता है। ऐसे में जब बच्चे पढ़े ही नहीं हैं तो फिर परीक्षा का कोई खास मकसद नही रह जाता है। फिर भी सरकार अगर परीक्षा करवाना चाहती है तो कोरोना खत्म होने की परीक्षा आधे पाठयक्रम के साथ करवाएं। 

Virtual Counsellor