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CBSE Class 12 accountancy Paper Analysis : सीबीएसई 12वीं अकाउंटैंसी के पेपर को छात्रों ने बताया उलझाऊ, देखें किसने क्या कहा

CBSE Class 12 accountancy Paper Analysis : जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, लखनऊ के छात्रों ने कहा कि सीबीएसई कक्षा 12 अकाउंटैँसी का पेपर कुछ उलझाऊ रहा। परीक्षार्थियों के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं था कि...

CBSE Class 12 accountancy Paper Analysis : सीबीएसई 12वीं अकाउंटैंसी के पेपर को छात्रों ने बताया उलझाऊ, देखें किसने क्या कहा
Alakha Singhलाइव हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 13 Dec 2021 05:48 PM

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CBSE Class 12 accountancy Paper Analysis : जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, लखनऊ के छात्रों ने कहा कि सीबीएसई कक्षा 12 अकाउंटैँसी का पेपर कुछ उलझाऊ रहा। परीक्षार्थियों के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं था कि कितने प्रश्नों का जवाब देना है। 

अकाउंटैंसी के पेपर में निर्देश का पेज ही नहीं था। बाद में परीक्षा कक्ष में ऐलान किया गया कि छात्रों को कुल 40 प्रश्नों के जवाब देने हैं। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का है। छात्रों ने कहा कि इसमें 15 मिनट गुजर गए। अधिकांश छात्र दुविधा में थे कि करना क्या चाहिए।

हालांकि प्रश्नपत्र सरल था, लेकिन पूछे गए प्रश्न काफी समय लेने वाले थे। जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के 12वीं के छात्र इशान अरोड़ा और रोहति वाधवा ने बताया कि पेपर काफी सरल और व्यापक था।  

इसी स्कूल की छात्राएं पंखुड़ी गोयल और श्रेया चंदेल ने बताया कि इस विषय के लिए क्लास डिस्कशन और पर्याप्त प्रैक्टिस की थी जिससे काफी सवालों को जल्दी से हल करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि तैयारी के हिसाब से पेपर आसान रहा।

वहीं हर्षाली अग्रवाल, श्रेयांश अग्रवाल, प्रियांशी प्रवीन और जसलीन कौर ने बताया कि पेपर तो आसान था लेकिन प्रश्न काफी बड़े थे जिससे कैल्कुलेशन में काफी ज्यादा टाइम लगा।

लखनऊ पब्लिक स्कूल, साउथ सिटी ब्रांच की 12वीं की छात्रा श्रेया पांडे ने कहा कि पेपर औसत दर्जे का था। छात्र इसे टाइम पर पूरा कर सकते थे। वहीं दूसरी छात्रा प्रगति जैसवाल ने कहा कि यह पेपर सैम्पल पेपर से ज्यादा आसान था।

इसके अलावा माही उपाध्याय और मौली उपाध्याय ने कहा कि पेपर आसान था। उत्कर्ष सिंह ठाकुर ने कहा कि न्यूमेरिकल प्रश्नों से ज्यादा थ्योरी थी। हमने इस समय पर पूरा कर लिया था।

लखनऊ पब्लिक स्कूल में अकाउंटैंसी के अकैडमिक कोऑर्डिनेटर मनीष क्रिपलानी ने कहा, "प्रश्नपत्र का स्थर मॉडरेट था। वैकल्पिक प्रश्नपत्र के प्रश्नों को छात्रों में लॉजिकल व्याख्यात्मक स्किल की समझ टेस्ट करने के लिए बनाए गए थे।'

उन्होंने बताया कि इस प्रश्नपत्र का फॉर्मेट सीबीएसई की ओर से जारी सैम्पल पेपर के जैसा नहीं था। यह एक मॉडरेट पेपर था, लेकिन कुछ प्रश्न डाउटफुल थे।

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