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इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में करियर: जानें कहां हैं अवसर, कहां मिलेगी जॉब

सरकारी आंकड़ों के आधार पर कहा जा रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था पहले से मजबूत हुई है। इसका सीधा असर यहां के कईउद्योगों पर पड़ा है और वे सरपट दौड़ रहे हैं। इन्हीं में से एक बैंकिंग सेवाओं का विस्तार भी...

इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में करियर: जानें कहां हैं अवसर, कहां मिलेगी जॉब
Pankajनमिता सिंहMon, 08 Oct 2018 11:30 AM
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सरकारी आंकड़ों के आधार पर कहा जा रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था पहले से मजबूत हुई है। इसका सीधा असर यहां के कईउद्योगों पर पड़ा है और वे सरपट दौड़ रहे हैं। इन्हीं में से एक बैंकिंग सेवाओं का विस्तार भी चरम पर है। इन्वेस्टमेंट या बैंकिंग में रुचि रखने वालों के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में बहुलता से अवसर मिलते हैं। यदि आप भी इन्वेस्टमेंट बैंकर बनकर अपने करियर को चमकाना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल है।

इन्वेस्टमेंट बैंकर का काम
किसी भी सरकारी अथवा प्राइवेट कंपनी में इन्वेस्टमेंट बैंकरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्हें संस्थान के आर्थिक लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड का रख-रखाव, मॉडिफिकेशन, टेस्टिंग, डेवलपमेंट, कंपनी कैपिटल, फंड, लोन, स्टॉक आदि पर काम करना होता है। उन्हें कंपनी के क्लाइंट को लोन दिलाने और निवेशकरने की प्रक्रिया में सहयोग भी करना होता है। इन्वेस्टमेंट बैंकर अपनी बैंकिंग टीम के साथ वित्तीय रणनीति की रूपरेखा भी बनाते हैं और अन्य संबंधित टीमों के साथ तालमेल बिठाते हुएकाम भी करते हैं। ये वित्तीय मामलों को लेकर अथवा लोन-फंड आदि के लिए क्लाइंट के साथ मीटिंग भी करते हैं।

कब कर सकेंगे कोर्स
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में बैचलर डिग्री इस प्रोफेशन की शुरुआती योग्यता मानी जाती है। अधिकांश कंपनियां मास्टर डिग्री के बाद नौकरी के लिएचयन करती हैं। जहां तक इस प्रोफेशन में उच्च डिग्री की बात है तो इसमें एमबीए, चार्टर्ड एकाउंटेंसी, कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंसी, कंपनी सेके्रटरी, सीएफए आदि *डिग्री को तरजीह दी जाती है। इसी के साथ *मास्टर इन इंटरनेशनल बिजनेस (एमआईबी) और कई तरह के पीजी डिप्लोमा कोर्स इस प्रोफेशन के हिसाब से फिट बैठते हैं। पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के कई कोर्स भी इसमें छात्रों को रास आते हैं।

एक नजर इंडस्ट्री पर
अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ इन्वेस्टमेंट बैंकरों के रोजगार में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। लोगों में इन्वेस्टमेंट से पहले किसी एक्सपर्ट की राय लेने का चलन भी बढ़ा है। यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार इन्वेस्टमेंट बैंकरों के रोजगार में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 2024 तक जारी रहेगी। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर 25 प्रतिशत की दर से ग्रोथ कर रहा है तथा 2021-22 तक करीब सात लाख नई नौकरियां सृजित होंगी।

स्किल्स, जो आएंगे काम
इसमें प्रोफेशनल्स के अंदर कई तरह के अतिरिक्त गुण भी होने चाहिए। यह काम आंकड़ों और गणना से संबंधित होता है। ऐसे में इसमें गणित की अच्छी जानकारी और गणना करने का कौशल कदम-कदम पर काम आता है। इसके अलावा उम्मीदवार में दबाव में बेहतर काम करने, कम्युनिकेशन स्किल्स प्रभावी होने, फाइनेंशियल स्किल्स में शानदार होना तथा नए अवसरों को पहचानने संबंधी कौशल कदम-कदम पर काम आते हैं। इसमें प्रोफेशनल्स को परिश्रम भी खूब करना पड़ता है। इन सबके साथ, इस क्षेत्र को भलीभांति समझने की बेहद आवश्यकता होती है।

इस क्षेत्र की चुनौतियां
इन्वेस्टमेंट बैंकरों के काम में कदम-कदम पर चुनौतियां हैं। उन्हें विभिन्न तरीकों और विधियों को इस्तेमाल करते हुए वैल्युएशन एनालिसिस करना होता है। किसी भी प्रोफेशनल्स के लिए फाइनेंशियल मॉडल विकसित करना, क्लाइंट मीटिंग के लिए प्रेजेंटेशन तैयार करना, कैपिटल स्ट्रक्चर को समझना आदि काम आसान नहीं होता है। किसी भी डील के टूटने या उसमें असफल होने का खतरा हमेशा उनके सिर पर मंडराता रहता है।

रोजगार की असीम संभावनाएं
कमर्शियल बैंक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के सबसे बड़े रोजगार प्रदाता के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। टे्रडिंग फर्म, कैपिटल मार्केट, लोन देने वाली कंपनियों आदि में बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट बैंकरों की नियुक्ति होती है। इसमें प्रोफेशनल्स पोर्टफोलियो मैनेजर और फाइनेंशियल के रूप में भी अपने काम को गति देते हैं। सभी फर्मों को ऐसे भी लोगों की जरूरत पड़ती है, जो उनकी फाइनेंशियल प्लानिंग, खर्च, प्रोजेक्शन प्लानिंग व एसेट प्लानिंग का विश्लेषण कर सकें। हेल्थकेयर, टेक्नोलॉजी और एनर्जी आदि इंडस्ट्री में भी ये प्रमुखता से रखे जाते हैं। मल्टीनेशनल कंपनियां आजकल इन्वेस्टमेंट बैंकरों को तलाश रही हैं। यदि प्रोफेशनल्स किसी कंपनी अथवा फर्म से जुड़कर काम नहीं करना चाहते हैं तो स्वतंत्र रूप से कंसल्टेंट के रूप में अपनी सेवा दे सकते हैं। विदेश जाकर काम करने का चलन भी इधर कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है।

आकर्षक सैलरी पैकेज.
शुरुआती दौर में प्रोफेशनल्स को 35-40 हजार रुपये हर महीने मिलते हैं। तीन-चार साल के अनुभव के बाद यह राशि बढ़कर 50-60 हजार रुपये प्रतिमाह तक पहुंच जाती है। मल्टीनेशनल कंपनियों में यह ज्यादा हो सकती है। कई प्रोफेशनल्स अपनी काबिलियत के बूते एक लाख रुपये तक हर महीने कमा रहे हैं।

कुछ प्रमुख कोर्स.
- एमबीए इन इन्वेस्टमेंट बैंकिंग.
- बीए इन फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट बैंकिंग.
- पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस.
- पीजी डिप्लोमा इन ग्लोबल इन्वेस्टमेंट.
- डिप्लोमा इन इन्वेस्टमेंट बैंकिंग एंड इक्विटी रिसर्च.
- यूजी प्रोग्राम इन पोर्टफोलियो मैनेजमेंट एंड इन्वेस्टमेंट बैंकिंग.

एक्सपर्ट व्यू

वी. कृतिका कृष्णा, करियर काउंसलर.
यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें लॉजिकल, एनालिटिकल, आईटी व मैथ की जानकारी काम आती है। इसमें सफलता पूरी तरह से मेहनत पर टिकी होती है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि आज की नई पीढ़ी टेक्नोलॉजी के हिसाब से काफी दक्ष है। जरूरी है कि इस क्षेत्र में बाजार और उसके उतार-चढ़ाव की भरपूर जानकारी रखी जाए। इसका इन्वेस्टमेंट बैंकिंग सेक्टर को भरपूर फायदा भी मिल रहा है। मामूली ट्रेनिंग के बाद वे काम को बारीकी से समझ पा रहे हैं। लेकिन एचआर व बैंक प्रबंधन के लिए चुनौती है कि वे अच्छी प्रतिभाओं का चयन करें।.

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