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Hindi Newsकरियर न्यूज़BSUSC: Bihar State University Service Commission principal recruitment Applications not started even after four months of notification

BSUSC : अधिसूचना के चार माह बाद भी प्रिंसिपल भर्ती के आवेदन शुरू नहीं, लेक्चरर की नियुक्ति भी है अटकी

बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया पर ब्रेक लगा है। आयोग ने 4 माह पहले ही प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए नोटिस जारी किया था। इसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

Pankaj Vijay अभिषेक कुमार, पटनाSat, 17 Feb 2024 01:04 AM
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बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया पर ब्रेक लगा है। आयोग ने चार माह पहले ही प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए नोटिस जारी किया था। इसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। आवेदन की प्रक्रिया कब से शुरू होगी। इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। वर्तमान में सूबे के सभी विश्वविद्यालयों के अधिकतर कॉलेज प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे है। इस वजह से कॉलेजों की स्थिति अच्छी नहीं है। प्रभारी प्राचार्य खुलकर कोई कार्य नहीं कर पाते हैं। नैक की प्रक्रिया को पूरा कराने में भी इन्हें दिक्कत होती है। वहीं कॉलेज के विकास सहित कई अन्य तरह की कार्यों में समस्याएं भी आती हैं। वहीं कॉलेज स्थायी प्राचार्य नहीं होने से एकेडमिक कार्य भी सही तरीके से नहीं हो पाते हैं। इसके अलावा कुलपति बिना वरीयता के जिन्हें मर्जी होता है उन्हें प्राचार्य का कार्य सौंप देते हैं। इस वजह से कई कॉलेजों में वित्तीय अनियमियता भी उजागार हो चुकी है। अभी आयोग से बहाल प्राचार्यों की संख्या बहुत कम है।

चार साल में पूरी नहीं हो सकी व्याख्याता नियुक्ति 
इसके अलावा राज्य के विश्वविद्यालयों में व्याख्याताओं की नियुक्ति के लिए 2020 में विज्ञापन निकाला गया था। चार वर्षों में सिर्फ छोटे-छोटे विषयों में व्याख्याताओं की नियुक्ति हो सकी। इसके बाद आरक्षण रोस्टर का मामला फंस गया तो पुरी नियुक्ति प्रक्रिया रुक गई। अभी लगभग मुख्य 25 विषयों का साक्षात्कार होना शेष है। सबसे अधिक आवेदन वाले विषयों की प्रक्रिया में काफी समय लगने की उम्मीद है। यह स्थिति विज्ञान और कला संकाय दोनों विषयों की है। नतीजतन गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से पढ़ाई हो रही है। कई ऐसे विभाग हैं जहां सिर्फ एक या दो स्थायी शिक्षक बच गए हैं। गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से पूरा विभाग संचालित हो रहा है। पटना विवि जैसे संस्थान में पीजी इतिहास में सिर्फ एक स्थायी शिक्षक हैं।

प्राचार्य नियुक्ति प्रक्रिया चार महीने से है अटकी
कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए एक सप्ताह के अंदर प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं व्याख्याता नियुक्ति का मामला कोर्ट में है। 22 फरवरी को सुनवाई है। कोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। -प्रो. गिरीश कुमार चौधरी
अध्यक्ष, बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग

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