बीएसएफ भर्ती : सिपाही टेक्निकल पदों पर महिला आरक्षण न देने पर सवाल, 207 पदों में केवल एक महिला
बीएसएफ में सिपाही टेक्निकल एसएमटी वर्कशॉप के लिए हुई भर्ती में महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण न देने पर सवाल उठाया जा रहा है। इस संबंध में कॉनफैडरेसन आफ़ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने...
बीएसएफ में सिपाही टेक्निकल एसएमटी वर्कशॉप के लिए हुई भर्ती में महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण न देने पर सवाल उठाया जा रहा है। इस संबंध में कॉनफैडरेसन आफ़ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने गृहमंत्रालय को पत्र लिखकर मांग किया है कि भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा की जाए और आरक्षण नियमो का पालन हो। सीमा सुरक्षा बल - बीसएफ द्वारा 2018-19 में 207 सिपाही टेक्निकल के पद पर रिक्तियां निकाली गई थी। लंबी भर्ती प्रक्रिया के बाद 28 अगस्त को परिणाम घोषित किया गया। संगठन का कहना है कि परिणाम में मात्र एक महिला अभ्यर्थी का चयन हुआ है ये आश्चर्यजनक है।
महासचिव रणबीर सिंह ने कहा, सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण पर बनी समिति की छठवीं रिपोर्ट की अनुशंसा और 2016 के उस ऑफिस मैमोरेंडम की पूरी तरह से अवहेलना की गई है जिसमें महिला सिपाहियों के पदों पर सीआरपीएफ व सीआईएसएफ में 33 प्रतिशत और बीएसएफ,आईटीबीपी व एसएसबी में 15 प्रतिशत आरक्षण संबंधित भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु आदेश जारी किया गया था।
महासचिव ने कहा कि उपरोक्त विषय को लेकर बीएसएफ कमांडेंट (रिक्रूटमेंट) से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय का महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने संबंधी आरक्षण का आदेश सिपाही जीडी के पदों पर लागू होता है तकनीकी पद पर नही। संगठन ने मांग की है कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व तकनीकी व गैर तकनीकी पदों में न बांटा जाए। हर जगह उन्हें समान प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। तकनीकी पदों पर बड़ी संख्या में योग्य अभ्यर्थी हैं उन्हें मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा पहले जीडी में प्रतिनिधित्व न देने का बहाना ये होता था कि महिलाओं को कठिन ड्यूटी करना मुश्किल होता है। लेकिन काफी स्थिति सुधरी है और महिलाओं ने खुद को साबित भी किया है। ऐसे में अब तकनीकी पदों पर भी रोड़ा खत्म किया जाए।