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इनसे सीखें: सोशल साइट से दूरी, 12वीं के टॉपरों ने ऑनलाइन पढ़ाई कर पायी सफलता

इंटरनेट छात्रों को पढ़ाई से दूर कर रहा है। उन्हें सोशल मीडिया की ऐसी लत लगी है कि वे पढ़ाई पर फोकस ही नहीं कर पाते। ये आम धारणा बनी है युवाओं के बारे में इंटरनेट को लेकर। लेकिन हकीकत में यदि इंटरनेट...

इनसे सीखें: सोशल साइट से दूरी, 12वीं के टॉपरों ने ऑनलाइन पढ़ाई कर पायी सफलता
पटना। चारूस्मिताSat, 09 Jun 2018 03:54 PM
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इंटरनेट छात्रों को पढ़ाई से दूर कर रहा है। उन्हें सोशल मीडिया की ऐसी लत लगी है कि वे पढ़ाई पर फोकस ही नहीं कर पाते। ये आम धारणा बनी है युवाओं के बारे में इंटरनेट को लेकर। लेकिन हकीकत में यदि इंटरनेट का सदुपयोग किया जाए तो इसके परिणाम पॉजिटिव होंगे जैसा कि विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं के टॉपरों ने साबित किया है। 

हाल ही में घोषित 12वीं के टॉपरों से बात करके देखिए, वे बताएंगे कि इंटरनेट के साथ उनकी कैसी दोस्ती है। सीबीएसई, बीएसईबी और आइसीएसई के टॉपरों ने यह माना है कि उन्होंने ठोस तैयारी के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की। किताबें तो पहले से थीं हीं लेकिन जहां फंसे तुरंत ऑनलाइन चैप्टर पढ़ लिया। नतीजा यह था कि परीक्षा में आपकी तैयारी पुख्ता होती गयी। इसका तब और फायदा मिला जब स्कूल-कॉलेज बंद थे। ऐसे में उलझाने वाले सवालों का समाधान गूगल ने कर दिया। हालांकि इन टॉपरों ने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर अपने अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया था। 

किताबों में उलझा तो की ऑनलाइन तैयारी : अश्विन श्रीवास्तव
टेक्स्ट बुक से सीमित तैयारी ही हो पाती है। मुझे जेईई एडवांस की भी तैयारी करनी थी जिसमें मुझे ऑनलाइन चैप्टर से काफी मदद मिली। बेउर में रहनेवाले सीबीएसई के साइंस टॉपर अश्विन श्रीवास्तव को 97.8 प्रतिशत अंक मिले। उसके पिता रमेश प्रसाद एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं। मां अर्चना प्रसाद गृहिणी हैं। अश्विन ने जेईई एडवांस की परीक्षा दी है और आइआइटी से इंजीनियरिंग करने का उनका सपना है। वह अपना आदर्श बिल गेट्स और अपने मामा को मानते हैं। अश्विन कहते हैं फिजिक्स, मैथ और केमिस्ट्री के क्लास वह यू ट्यूब चैनल पर भी देखा करते थे। इससे उसे काफी मदद मिली। सोशल साइट को उसने तैयारी के कारण दो साल पहले ही डिएक्टिवेट कर दिया था।

सोशल साइट के बजाय इंटरनेट पर पढ़ती थी : प्रियांगी मेहता 
अरविंद महिला कॉलेज की छात्रा प्रियांगी मेहता सेल्फ स्टडी को बेस्ट स्टडी मानती है। उसका कहना है कि एनसीइआरटी की किताबें सफलता की सीढ़ी है। प्रियांगी का कहना है कि उसने कॉलेज की पढ़ाई के बाद सेल्फ स्टडी पर काफी ध्यान दिया। उसका सोशल साइट पर कोई अकाउंट नहीं है। उसने बताया कि छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। हालांकि इंटरनेट का उपयोग विषय की पढ़ाई के लिए किया। प्रियांगी बीएसईबी के कला संकाय की दूसरी टॉपर है। बाजार समिति स्थित संदलपुर की रहनेवाली प्रियांगी के पिता मिथिलेश कुमार हार्डवेयर इंजीनियर हैं। मां अर्चना देवी गृहिणी हैं। स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानने वाली प्रियांगी आईएएस बनना चाहती है।

अर्थशास्त्र की तैयारी के लिए वीडियो क्लास की ली मदद : सुजल राज  
मुझे अर्थशास्त्र में कठिनाई आती थी। टेक्स्ट बुक तो साथ था ही लेकिन मुझे नैरेटिव क्लास की जरूरत थी। इसमें ऑनलाइन वीडियो क्लासेज से काफी सहूलियत हुई। ये मानना है सीबीएसई के 12वीं के कला संकाय के टॉपर सुजल राज का। सुजल का कहना है कि इन वीडियो क्लासेज से उसका कॉन्सेप्ट काफी साफ हुआ और सोच में भी विविधता आई जिससे सवालों को समझने में आसानी हुई। सुजल ने सोशल साइट को परीक्षा से तीन महीने पहले ही बाय-बाय कर दिया था। हालांकि वाट्सएप चालू रखा जिससे ग्रुप स्टडी में सहायता मिली। 

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