12वीं बोर्ड परीक्षा कराने के पक्ष में तमिलनाडु सरकार, शिक्षा मंत्री ने दिया यह बयान
तमिलनाडु सरकार में शिक्षा मंत्री अन्बिल महेश ने मंगलवार को कहा कि 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम 12वीं का परीक्षाएं कराएंगे। महामारी की स्थिति को देखकर इस पर आगे का...
तमिलनाडु सरकार में शिक्षा मंत्री अन्बिल महेश ने मंगलवार को कहा कि 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम 12वीं का परीक्षाएं कराएंगे। महामारी की स्थिति को देखकर इस पर आगे का फैसला लेंगे। आज हम मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार को एक प्रारूप भेजने जा रहे हैं।'
बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं के बारे में अंतिम निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के साथ वर्तमान स्थिति और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को सरकारी सूत्रों ने दी। सूत्रों ने बताया कि बोर्ड परीक्षओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों और विचार व सुझाव लेने को कहा था। इसके बाद रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी।
डिजिटल माध्यम से आयोजित इस बैठक में सिंह के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे के अलावा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों व सचिवों ने भी हिस्सा लिया था।
We will conduct the 12th board examination. It will be decided based on the situation of the pandemic. Today we’re going to send a draft to Central minister after Chief Minister’s approval: Tamil Nadu School Education Minister, Anbil Mahesh pic.twitter.com/A8uUb5fnbl
— ANI (@ANI) May 25, 2021
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने 21 मई को एक बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें उन्हें शिक्षा मंत्रालय की ओर से परीक्षाओं के बारे में किए शिक्षकों और अभिभावकों के साथ किए गए विचार-विमर्श और परीक्षा संपन्न कराने के विकल्पों के बारे में अवगत कराया गया था।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा और उनके भविष्य को देखते हुए सरकार को कोई फैसला लेना है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को सभी राज्यों और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने और सलाह-मश्विरा करने को कहा था।
एक सूत्र ने बताया, ''अंतिम निर्णय व्यापक विमर्श की प्रक्रिया पर आधारित होगा और इस दौरान वर्तमान परिस्थितियों और छात्रों के भविष्य को देखते हुए सबसे अच्छा विकल्प अपनाया जाएगा। रविवार की बैठक के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा था कि बारहवीं कक्षा की बोर्ड की लंबित परीक्षा कराने के संबंध में राज्यों के बीच व्यापक सहमति है और इस बारे में जल्द सुविचारित एवं सामूहिक निर्णय एक जून तक लिया जाएगा।
बोर्ड ने दो विकल्पों का प्रस्ताव किया, जिसमें अधिसूचित केंद्रों पर 19 प्रमुख विषयों की नियमित परीक्षा लेने या छात्रों के पंजीकरण वाले स्कूलों में लघु अवधि की परीक्षा लेने की बात कही गई।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकारों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव भेजने का आग्रह किया। वहीं, सूत्रों ने दावा किया कि ज्यादातर राज्य दूसरे विकल्प के पक्ष में है जबकि कुछ राज्य इनके मिले-जुले स्वरूप की बात कह रहे हैं । गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं और 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था। ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं। इसी तरह, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों ने भी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।