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बिहार में 8वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों की घर-घर होगी तलाश

बिहार के सरकारी विद्यालयों से आठवीं कक्षा पास कर पढ़ाई छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की घर-घर खोज होगी। नौवीं में दाखिला नहीं लेने वाले ऐसे बच्चों और उनके अभिभावकों की काउंसिलिंग की जाएगी।

बिहार में 8वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों की घर-घर होगी तलाश
Pankaj Vijayहिन्दुस्तान ब्यूरो,पटनाSat, 02 Jul 2022 11:13 AM

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बिहार के सरकारी विद्यालयों से आठवीं पास कर पढ़ाई छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की घर-घर खोज होगी। नौवीं में दाखिला नहीं लेने वाले ऐसे बच्चों और उनके अभिभावकों की काउंसिलिंग की जाएगी। पढ़ाई का न सिर्फ महत्व बताया जाएगा, बल्कि हर हाल में ऐसे बच्चों का नौवीं में दाखिला कराया जाएगा।

शुक्रवार को राज्यभर में नौवीं में दाखिले के लिए ‘प्रवेशोत्सव-विशेष नामांकन अभियान-2022’ आरंभ हुआ, जो 15 जुलाई तक चलेगा। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पटना के राजेंद्रनगर स्थित राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय में इस अभियान की शुरुआत की। उनकी मौजूदगी में स्कूल के प्राचार्य ने निशा कुमारी का नौवीं में दाखिला लिया। शिक्षा मंत्री ने पटना जिले के विभिन्न प्रखंडों के लोगों को जागरूक करने के लिए नामांकन रथ रवाना किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि आठवीं के बाद 18 प्रतिशत छात्रा और 17 प्रतिशत छात्र नौवीं में दाखिला नहीं लेते हैं। इन सभी बच्चों को चिह्नित कर इस अभियान के दौरान उन्हें प्रेरित करते हुए दाखिला कराना सुनिश्चित करें। शिक्षा मंत्री ने समाज के सभी वर्गों, जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों और अभिभावकों से अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी हाईस्कूल के पोषक क्षेत्र में कोई भी आठवीं पास विद्यार्थी नौवीं में अनामांकित न रहे।

12वीं तक विस्तारित होते हैं प्रारंभिक ज्ञान
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नौवीं से 12वीं के अध्ययन अवधि में ही विद्यार्थियों के प्रारंभिक ज्ञान विस्तारित होते हैं और उनके करियर के नए मार्ग प्रशस्त होते हैं। व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास होता और जीवन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। किशोरावस्था के इस अहम पड़ाव में छात्र तेजी से विभिन्न प्रकार के कौशल सीखते हैं और अच्छे नागरिक बनते हैं। इसलिए आठवीं उत्तीर्ण शत-प्रतिशत बच्चों का नौवीं में दाखिला आवश्यक है।

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