बिहार : BCA और इंजीनियरिंग करने वाले भी बनेंगे शिक्षक
बिहार के सरकारी मध्य विद्यालयों में स्नातक शिक्षकों के रूप में बीसीए योग्यताधारी तथा विज्ञान और गणित की विशेषज्ञता रखने वाले विद्यार्थी भी गणित और विज्ञान विषयों में स्नातक शिक्षक के रूप में नियुक्त...
बिहार के सरकारी मध्य विद्यालयों में स्नातक शिक्षकों के रूप में बीसीए योग्यताधारी तथा विज्ञान और गणित की विशेषज्ञता रखने वाले विद्यार्थी भी गणित और विज्ञान विषयों में स्नातक शिक्षक के रूप में नियुक्त हो सकते हैं। शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने कई संशोधनों के साथ गुरुवार की देर रात राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों के नियोजन की विस्तृत अधिसूचना जारी की।
नियोजन के लिए शिक्षकों के पदों की गणना प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा एक से पांच) तथा मध्य विद्यालय (कक्षा 6 से 8) के लिए अलग-अलग की जाएगी। प्रशिक्षित एवं टीईटी पास ही आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा विभाग ने उच्च प्राथमिक (मध्य) विद्यालयों में गणित व विज्ञान शिक्षकों के नियोजन के लिए योग्यता को भी स्पष्ट किया है। गणित, भौतिकी, रसायन से स्नातक या रसायन, वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान विषयों से स्नातक अथवा बीसीए (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन) योग्यताधारी या विज्ञान और गणित की विशेषज्ञता वाले इंजीनियरिंग स्नातक जो बीएड एवं टीईटी उत्तीर्ण होंगे, आवेदन कर सकेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से प्राप्त निर्देश के अनुसार बायो टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स से बीएससी करने वाले, जिनका नामांकन इसी योग्यता पर बीएड में हुआ हो और इन्होंने विज्ञान, भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान में से एक भी विषय मेथर्ड पेपर के रूप में पढ़ा है, वे गणित या विज्ञान शिक्षक के लिए आवेदन के पात्र होंगे।
बी. कॉम वाले बनेंगे सामाजिक विज्ञान के शिक्षक
शिक्षा विभाग ने सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों की भी योग्यता निर्धारित कर दी है। इसके लिए इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र, दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, समाज शास्त्र में स्नातक स्तर में किसी दो विषयों में उत्तीर्ण हों अथवा बीकॉम डिग्रीधारी हों।
भाषा शिक्षक के लिए हिन्दी अथवा अंग्रेजी विषयों के लिए स्नातक प्रतिष्ठा अथवा सहायक विषय के रूप में उक्त दोनों विषयों में एक रखने वाले पात्र होंगे। संस्कृत शिक्षक पद के लिए संस्कृत में स्नातक अथवा शास्त्री की डिग्रीधारी योग्य होंगे। उर्दू शिक्षक को उर्दू भाषा में स्नातक अथवा आलिम की योग्यता जरूरी है। इन तमाम योग्यताओं के साथ ही सभी आवेदकों को प्रशिक्षित और टीईटी पास होना भी अनिवार्य है।
पटना। पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में 7 मई 2012 के पहले हिंदी विद्यापीठ, देवघर से साहित्य अलंकार की डिग्री लेने वालों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि न केवल इनकी सेवा बरकरार रहेगी, बल्कि उन्हें प्रोन्नति का लाभ भी मिलेगा।
मुख्य न्यायाधीश न्यामूर्ति एपी शाही, न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा तथा न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की पूर्णपीठ ने रमाशंकर पटेल एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा और राजकीय अधिवक्ता राघवानन्द की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाया। वरीय अधिवक्ता वर्मा ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने स्नातक के समकक्ष साहित्य अलंकार की डिग्री लेने वाले आवेदकों को प्रोन्नति देने से इनकार कर दिया है। जबकि ऐसे ही मामलों में इनसे कनीय कर्मियों को प्रोन्नति का लाभ दिया गया है। उनका कहना था कि डिग्री के नाम पर राज्य सरकार भेदभाव कर रही है, जबकि राज्य सरकार के वकील ने इन दलीलों का विरोध किया।
7 दिसंबर को अंतिम मेधा सूची का होगा प्रकाशन
प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति की नयी अधिसूचना के मुताबिक प्रदेश की सभी नियोजन इकाइयों द्वारा 13 सितम्बर को नियोजन की सूचना प्रकाशित की जाएगी। 18 सितम्बर से 17 अक्टूबर तक आवेदन लिए जाएंगे। मेधा सूची की तैयारी 18 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक, इसका अनुमोदन नियोजन समितियों द्वारा 10 नवम्बर तक होगा। 14 नवम्बर को मेधा सूची प्रकाशित की जाएगी और इसपर आपत्ति 15 से 29 नवम्बर तक की जा सकेगी। 7 दिसम्बर को अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन होगा। जिला द्वारा पंचायत और प्रखंड की मेधा सूची के अनुमोदन के बाद नियोजन इकाइयों द्वारा इसे 4 जनवरी 2020 को सार्वजनिक किया जाएगा। 6 से 13 जनवरी के बीच प्रमाण पत्रों का मिलान एवं चयन सूची बनेगी। 16 से 20 जनवरी तक नियोजन इकाइयां नियुक्ति पत्र बांटेंगी।
एनसीटीई के निर्देश पर योग्यता में संशोधन पटना
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा तथा केन्द्र सरकार की स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के निर्देशों के आलोक में शिक्षा विभाग ने बिहार शिक्षक नियोजन नियमावली में प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षकों की न्यूनतम अर्हता में संशोधन किया है। इसको लेकर जारी अधिसूचना के मुताबिक जिसने एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से शिक्षा स्नातक की उपाधि हासिल की है, उस पर कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए नियुक्ति हेतु विचार किया जाएगा। किन्तु इस प्रकार अध्यापक के रूप में नियुक्त व्यक्ति को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त होने के दो वर्ष के भीतर एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का एक सेतु पाठ्यक्रम (ब्रिज कोर्स) आवश्यक रूप से पूरा करना होगा।