Bihar Board : 2 साल के बाद भी बदले जा रहे हैं बिहार बोर्ड के टॉपर
Bihar Board Matric Result: वर्ष 2017 मैट्रिक में मानव गोपाल और हर्षिता संयुक्त रूप से मेधा सूची में द्वितीय स्थान पर होंगे। बिहार बोर्ड ने पटना हाईकोर्ट में जवाबी हलफनामा देते हुए यह जवाब दिया है। इस...
Bihar Board Matric Result: वर्ष 2017 मैट्रिक में मानव गोपाल और हर्षिता संयुक्त रूप से मेधा सूची में द्वितीय स्थान पर होंगे। बिहार बोर्ड ने पटना हाईकोर्ट में जवाबी हलफनामा देते हुए यह जवाब दिया है। इस पर हाईकोर्ट ने छात्र को एक माह के भीतर लैपटॉप और 75 हजार रुपये देने का आदेश दिया है।
मानव गोपाल को हिन्दी विषय के प्रश्न में एक नंबर नहीं दिया गया था। वह गोपाल सिमुलतला आवासीय विद्यालय का छात्र था और 2017 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी। छात्र को 458 अंक मिले थे। हिन्दी के एक प्रश्न में चार अंक मिलने के बाद उसके 462 अंक हो गए। कम अंक मिलने पर छात्र के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
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अब बोर्ड की ओर से दायर हलफनामा के बाद न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय ने अर्जी को निष्पादित करते हुए बोर्ड को एक माह के भीतर टॉपर को दी जाने वाली लैपटॉप के साथ-साथ कैंडिल ई रीडर तथा 75 हजार रुपये देने का आदेश दिया।
इससे पहले वर्ष 2017 में भाव्या कुमारी को कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद संयुक्त टॉपर घोषित किया गया था। इससे पहले वह सेकेंड टॉपर थी। बोर्ड की लापरवाही साबित होने पर पटना हाईकोर्ट ने उस पर पांच लाख का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने मैट्रिक परीक्षार्थी भाव्या को एक अंक बढ़ाने को कहा था। इसके बाद भाव्या 2017 की मैट्रिक परीक्षा में संयुक्त टॉपर हो गई थीं। बिहार बोर्ड ने 2017 की 10वीं (मैट्रिक) की परीक्षा का रिजल्ट 22 जून को प्रकाशित किया था। इसमें लखीसराय के प्रेम कुमार ने 465 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया था। जबकि, सिमुलतला के आवासीय स्कूल में पढऩे वाली भाव्या 464 अंक लाकर दूसरे स्थान पर थी। लेकिन, उक्त छात्रा अपने प्राप्तांक से संतुष्ट नहीं थी। बोर्ड ने उनकी बात नहीं मानी तो तो वह पटना हाईकोर्ट चली गई। जांच में यह बात साबित हुई कि बोर्ड की लापरवाही के कारण उसे एक अंक नहीं दिया गया था।
वर्ष 2015 और 2016 में भी परीक्षा में गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद टॉपर बदले गए थे। 2016 के बिहार बोर्ड टॉपर स्कैम ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। तत्कालीन बोर्ड चेयरमैन व टॉपर को जेल जाना पड़ा था। इस मामल के बाद से आईएएस आनंद किशोर बिहार बोर्ड के चेयरमैन है।