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Bihar Board Matric Result 2020: आने वाला है बिहार बोर्ड 10वीं क्लास का रिजल्ट, पेरेंट्स इस तरह रखें बच्चों का ध्यान

Bihar Board Matric Result 2020: बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट को लेकर छात्रों में उत्सुकता के साथ-साथ टेंशन भी बनी हुई है। आए दिन परिक्षा के परिणाम घोषित किए जाने जैसी अफवाहों के बीच बिहार बोर्ड...

Bihar Board Matric Result 2020: आने वाला है बिहार बोर्ड 10वीं क्लास का रिजल्ट, पेरेंट्स इस तरह रखें बच्चों का ध्यान
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 20 May 2020 04:49 PM
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Bihar Board Matric Result 2020: बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट को लेकर छात्रों में उत्सुकता के साथ-साथ टेंशन भी बनी हुई है। आए दिन परिक्षा के परिणाम घोषित किए जाने जैसी अफवाहों के बीच बिहार बोर्ड के मैट्रिक परीक्षार्थी काफी परेशान नजर आए। जबकि बिहार बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो रिजल्ट एक-दो दिन में जारी होगा।बोर्ड से जुड़े सूत्र ने बताया कि इंटर की तरह ही मैट्रिक के परिणाम घोषित करने के लिए भी प्रेस कॉन्फ्रेस नहीं होगी। प्रेस रिलीज के जरिए मीडिया को परिणाम घोषित होने की सूचना दी जाएगी। 

रिजल्ट किसी भी कक्षा का हो, जैसे ही उसके नतीजे निकलने का समय करीब आता है तो हर छात्र खुद को थोड़ा नर्वस जरूर महसूस करता है। ऐसे में हर अभिभावक को रिजल्ट के समय अपने बच्चे का मनोबल बनाए रखने और उसे डिप्रेशन से दूर रखने के लिए इन खास बातों पर ध्यान देना बेहद जरूर है। आइए जानते हैं आखिर क्या हैं ये खास बातें।

आत्मविश्वास की कमी-
रिजल्ट के नजदीक आते ही बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। ऐसे में अभिभावक बच्चों की बॉडी लैंग्वेज को देखें। यदि बच्चे रूटीन से कुछ अलग कर रहे हैं तो उनको अकेला न छोड़े। कोई भी पारिवारिक सदस्य उस पर टीका टिप्पणी न करें। मायूस न होने दें। एक सप्ताह तक अभिभावक उनसे लगातार संपर्क बनाए रखें और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाते रहें।
- प्रो. एसके श्रीवास्तव, मनोवैज्ञानिक, गुरुकुल कांगड़ी विवि हरिद्वार।

एक परीक्षा से तय नहीं हो सकता किसी छात्र का भविष्य-
डा. संदीप निगम, बाल रोग विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रिजल्ट के समय सभी अभिभावक अपने बच्चों से खुलकर बात करने की कोशिश करें। यदि पेरेंट्स देखें कि बच्चे को परिक्षा के नतीजों को लेकर थोड़ा तनाव है तो वो उसे समझाने की कोशिश करें कि एक परीक्षा उनकी जीवनलीला तय नहीं कर सकती है। इसलिए निराशा और तनाव से दूर रहें।  

खुद पर रखें भरोसा-

अभिभावक अपने बच्चे को तनाव में देखकर उसे समझाने की कोशिश करें कि उसे ऐसे समय खुद पर भरोसा रखना चाहिए और किसी भी बुरे विचार को अपने मन में घर नहीं करने देना चाहिए।

अंकों से नहीं होता क्षमता का आकलन-
बच्चों को यह समझना होगा कि अंक उनकी क्षमताओं का आकलन नहीं कर सकते। अंक अच्छे नहीं आने पर सब कुछ खत्म नहीं हो जाता। वैसे भी हम जो पेपर दे चुके हैं, उसके रिजल्ट को अब बदलना संभव नहीं है। जो भी रिजल्ट आए उसका स्वागत करें।

दूसरे बच्चों से न करें परिणाम की तुलना-
अक्सर देखा जाता है कि रिजल्ट जारी होते ही पेरेंट्स दूसरे बच्चों के साथ अपने बच्चों की तुलना करके उनका मनोबल गिराने लगते हैं। ऐसा करने से बच्चे की मनोस्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है । जो उसके सुनहरे भविष्य में भी बाधा उत्पन्न करेगा। ऐसा करने से बचें। 

अंक कम होने पर हताश न हों -
पेरेंट्स अंक कम होने पर न खुद हताश और निराश हो और न बच्चे को होने दें। उम्मीद के मुताबिक अंक न आने पर ज्यादातर छात्र हीन भावना का शिकार हो जाते हैं, जो कतई ठीक नहीं होता है। छात्रों को ही नहीं बल्कि अभिभावकों को भी इस बात पर ध्यान रखना चाहिए।

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