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बिहार बोर्ड इंटर-मैट्रिक परीक्षा पर नजर रखेंगे 38 नोडल अधिकारी

बिहार बोर्ड के इंटर और मैट्रिक परीक्षा पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति बिहार बोर्ड ने की है। प्रदेशभर के सभी जिलों के लिए एक-एक यानी 38 नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। परीक्षा...

बिहार बोर्ड इंटर-मैट्रिक परीक्षा पर नजर रखेंगे 38 नोडल अधिकारी
हिन्दुस्तान टीम,पटनाFri, 10 Jan 2020 03:57 PM
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बिहार बोर्ड के इंटर और मैट्रिक परीक्षा पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति बिहार बोर्ड ने की है। प्रदेशभर के सभी जिलों के लिए एक-एक यानी 38 नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। परीक्षा की गोपनीयता बनाये रखने के लिए नोडल अधिकारी पूरी परीक्षा के दौरान सभी केंद्रों पर नजर रखेंगे।

बिहार बोर्ड की मानें तो सभी केंद्रों पर मौजूद पुलिस एवं दंडाधिकारियों पर नजर रखने के लिए नोडल पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा सभी केंद्रों पर प्रतिनियुक्त होमगार्ड और अन्य कर्मियों पर भी नजर रखेंगे। अगर किसी सेंटर पर किसी तरह की गड़बड़ी होगी तो इसकी जानकारी बोर्ड को देने के अलावा अनुशासनिक कार्रवाई करने का अनुरोध कर सकते हैं। बोर्ड की मानें तो नोडल पदाधिकारियों की नजर केंद्राधीक्षक और वीक्षक पर भी रहेगी। केंद्राधीक्षक और वीक्षकों पर किसी तरह का शक होने पर नोडल अधिकारी बोर्ड को सूचित करेंगे। इसके बाद संबंधित केंद्राधीक्षक और वीक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी। ज्ञात हो कि तीन से 13 फरवरी तक इंटर की परीक्षा आयोजित की जायेगी। इसके बाद 17 से 24 फरवरी तक मैट्रिक की परीक्षा होगी। इसके लिए नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। इस संबंध में एक बैठक 31 जनवरी को बिहार बोर्ड में आयोजित की जायेगी।

दो पालियों में नौवीं कक्षा आरंभ कराने का प्रस्ताव खारिज 
शिक्षा विभाग ने तिरहुत के आरडीडीई डॉ. संगीता सिन्हा द्वारा उनके प्रमंडल के चिह्नित 15 मध्य विद्यालयों में 1 अप्रैलस 2020 से नौवीं की पढ़ाई दो पालियों में कराने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बीईपी के राज्य परियोजना पदाधिकारी संजय सिंह ने आरडीडीई को भेजे पत्र में कहा कि इन सभी 15 विद्यालयों में बाधामुक्त निर्माण कार्य प्रारंभ कराएं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं को उपलब्धता सुनिश्चित करें। कहा है कि आरडीडीई के पत्र से प्रतीत होता है कि न तो आपके स्तर से विभागीय शक्तियों का उपयोग कर निर्माण की बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है और न ही अपने अधीनस्थ डीईओ या अन्य पदाधिकारियों से कोई कार्रवाई कराई जा रही है।
 

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